झारखण्ड धनबाद

अपनी भाषा एवं संस्कृति के रक्षार्थ बांग्ला भाषियों ने छेड़ा आंदोलन

बांग्ला भाषियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं है:रीना मंडल

धनबाद (प्रतीक सिंह) : मंगलवार को रणधीर वर्मा चौक पर झारखंड बांग्ला भाषी उन्नयन समिति के बैनर तले एक दिवसीय महाधरना दिया गया।
राज्य में बांग्ला भाषा एवं संस्कृति की रक्षा एवं साजिश के तहत बांग्ला भाषा के अस्तित्व को मिटाने के प्रयास को विफल करने के लिए राज्य भर के बांग्ला भाषी अब आंदोलन पर उतर आए हैं। पिछले चौबीस बरसों से बांग्ला भाषा की उपेक्षा एवं अनदेखी के विरोध में झारखंड बांग्ला भाषी उन्नयन समिति के बैनर तले धनबाद जिला के सिंदरी, निरसा ,बोकारो के बांग्ला भाषी संगठनों ने रणधीर वर्मा चौक में एक दिवसीय महाधरना में धरना भाग लिया। महाधरना के पश्चात सभी बंगला भाषियों ने उपायुक्त (धनबाद) से मिलकर मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौपा।महाधारणा को विभिन्न बांग्ला भाषी संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया और राज्य में बांग्ला भाषा के साथ हो रहे सौतेले कार्रवाई की निन्दा करते हुए सरकार एवं प्रशासन को इसके परिणाम भुगतने को तैयार रहने को कहा।

नेताओं ने वर्तमान सरकार को आज तक बांग्ला भाषी टीचर की नियुक्ति न किए जाने,बांग्ला भाषा में पुस्तकों की छपाई न करने, बांग्ला अकादमी का गठन न करने, बांग्ला को द्वितीय राजभाषा घोषित कर उसकी अधिसूचना निर्गत नही किए जाने एवं उसका क्रियान्वयन नहीं किए जाने जैसे चिर लंबित मांगों की पूर्ति हेतु कोई भी पहल नहीं किए जाने को राज्य के बांग्ला भाषियों के भावना से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में उसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा। बार बार मांग किए जाने के बाबजूद राज्य अल्प संख्यक आयोग में उपाध्यक्ष के पद पर किसी बांग्ला भाषी की नियुक्ति नहीं की गई और न ही दो सदस्यों की नियुक्ति ही की गई।चार वर्ष आठ माह के बाद मात्र एक सदस्य को नियुक्त कर बांग्ला भाषियों को लॉलीपॉप थमाने का काम किया गया।जिस राज्य के गठन में बांग्ला भाषियों की सक्रिय भागीदारी रही उस राज्य में बांग्ला भाषा का अपमान अब किसी भी कीमत पर बर्दास्त नही किया जाएगा। राज्य सरकार ने राज्य के बांग्ला भाषियों को सड़क पर उतर कर आंदोलन करने पर विवश किया है,उसका परिणाम भुगतने के लिए भी उसे तैयार रहना होगा। इस राज्य के बांग्ला भाषियों का नारा है जो बांग्ला हित की बात करेगा वही झारखंड में राज करेगा,आज रणधीर वर्मा चौक पर भी एक दिवसीय महाधारणा आयोजित किया गया है, दूसरे चरण में रांची में रैली एवं प्रदर्शन कर राज्य की सत्तासीन पार्टी सहित अन्य सभी राजनैतिक दलों को भी यह साफ संकेत दिया जाएगा,की राज्य के बांग्ला भाषियों की उपेक्षा एवं अनदेखी अब किसी भी कीमत पर बर्दास्त नही किया जाएगा।महाधारणा के बाद राज्य के मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त, जमशेदपुर को समर्पित किया गया। चूंकि झारखंड विधानसभा में किसी भी राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधियों द्वारा बांग्ला भाषा के लिए मुखरता से आवाज नही उठाया गया,इसलिए बांग्ला भाषी उन्नयन समिति के द्वारा सत्तासीन झारखंड मुक्ति मोर्चा,कांग्रेस सहित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को बांग्ला बहुल विधानसभा क्षेत्र में बांग्ला भाषी उम्मीदवार देने की मांग की है।
इस महाधरणा को सफल बनाने में सभी बांग्ला भाषियों ने अहम भूमिका निभाई, भारी संख्या में लोग मौजूद रहे और बारी-बारी से सभी अपना वक्तव्य पेश किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी किये। धरना में मौजूद रहे भवानी बनर्जी, रघुनाथ राय ,सुजीत रंजन, गोपाल चटर्जी, बबीता कुमारी मंडल, बेदाना बाउरी, लीला बाउरी, रंजन मंगल, आरती देवी, माया देवी यशोदा बाउरी ,बुला दास,प्रकाश कुमार, प्रभास कुमार दास, डी,जे सरकार, प्रिया बैनर्जी, शंकर मुखर्जी, पार्थो सेनगुप्ता, समीर मंडल, मनोज मंडल, बबलू दास, शंकर मंडल, देवाशीष चटर्जी, विश्वनाथ घोष, श्यामल राय, सुमंतो मुखर्जी, सविता कुमारी अनिल चंद्र कुम्भकर, दिलीप चौधरी, फनिंद्र गोराई, निमाई धीवर, शिशिर धीवर, मनोज रजवार, प्रदीप रजवार ,राहुल चट्टोपाध्याय, बहा चटर्जी, रिंकू सिंह, निवेदिता राय, चाइना राय, सीमा राय, प्रतिमा राय, सपन चटर्जी, बबलू दास, रेवती कुमारी सेन, कविता सेन, रीना देवी, दिलीप कुमार मंडल, प्रसन्ना कुमार मंडल, बुबई दत्ता, बप्पा सरकार और बहुत गण मान्य लोग मौजूद रहे।

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