झारखण्ड राँची राजनीति

इस्पात एक नियंत्रणमुक्त क्षेत्र है इसलिए, इस्पात उत्पादन, घरेलू खपत और निर्यात के लक्ष्य सरकार द्वारा निर्धारित नहीं किए जाते हैं

राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने केंद्रीय इस्पात मंत्रालय से इस्पात के उत्पादन, घरेलू खपत एवम निर्यात से संबंधित जानकारी माँगी

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): भाजपा के झारखंड पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने अपने अतारांकित प्रश्न संख्या 477 के माध्यम से केंद्रीय इस्पात मंत्रालय से इस्पात के उत्पादन,घरेलू खपत एवं निर्यात से संबंधित जानकारी माँगी। दीपक प्रकाश ने जानना चाहा कि विगत तीन वर्षों एवं चालू वित्तिय वर्ष के दौरान इस्पात के उत्पादन, घरेलू खपत एवं निर्यात के लिए निर्धारित और प्राप्त किए गए लक्ष्यों का वर्ष-वार ब्यौरा क्या है तथा क्या इस संबंध में आगामी तीन वर्षों के लिए संशोधित लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है ?

   इस दोनों सवालों के जबाब देते हुए केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया की इस्पात एक नियंत्रणमुक्त क्षेत्र है और इसलिए इस्पात उत्पादन, घरेलू खपत और निर्यात के लक्ष्य सरकार द्वारा निर्धारित नहीं किए जाते हैं। इस्पात उत्पादन, घरेलू खपत और निर्यात से संबंधित निर्णय अलग-अलग इस्पात उत्पादकों द्वारा बाजार की माँग और अन्य वाणिज्यिक सोच-विचारों के आधार पर लिए जाते हैं।

     उन्होंने बताया कि विगत तीन वर्षों और वर्तमान वर्ष के दौरान 2020-21 में क्रूड इस्पात  का उत्पादन 103.54 मिलियन टन था, 2021-22 में 120.29 मिलियन टन 2022-23 में 127.20 मिलियन  टन तथा अप्रैल/ जून  2023-24 में 33.63 मिलियन टन रहा।उन्होंने तैयार इस्पात की निर्यात एवं वास्तविक खपत की जानकारी देते हुए बताया कि 2020-21 में 10.78 मिलियन टन का निर्यात तथा वास्विक खपत 94.89  मिलियन टन रहा। 2021-22 में 13.49 मिलियन टन का निर्यात तथा वास्तविक खपत 105.75  मिलियन टन रहा,2022-23 में निर्यात 6.72 मिलियन  टन तथा खपत 119.89 मिलियन टन रहा वही अप्रैल/जून 2023-24 तक तैयार इस्पात का निर्यात 2.05 मिलियन टन तथा खपत 30.29 मिलियन  टन रहा था।

      दीपक प्रकाश ने अपने तीसरे सवाल के माध्यम से जानकारी माँगी थी कि क्या सरकार के द्वारा आगामी वर्षों में इस्पात के उत्पादन एवं निर्यात में वृद्धि करने के लिए कोई कदम उठाए गए हैं या उठाए जाने का विचार है ? इस प्रश्न के जबाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि घरेलू उपयोग के लिए देश में ही विशेष इस्पात के विनिर्माण को बढ़ावा देने तथा पूंजीगत निवेश को आकर्षित कर आयात को कम करने के लिए ₹6,322 करोड़ के परिव्यय के साथ विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को अधिसूचित करना। 

इस्पात उत्पादकों को नीतिगत सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए वर्ष 2017 में राष्ट्रीय इस्पात नीति को अधिसूचित करना। सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं द्वारा मेड इन इंडिया इस्पात की अधिप्राप्ति को बढ़ावा देने हेतु घरेलू स्तर पर विनिर्मित लौह एवं इस्पात उत्पाद (डीएमआई एंड एसपी) नीति को अधिसूचित करना।
घरेलू रुप से उत्पन्न स्क्रैप की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए इस्पात स्क्रैप पुनर्चक्रण नीति को अधिसूचित करना।

Related posts

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का निर्णय सराहनीय: बाबूलाल मरांडी

Nitesh Verma

Outstanding results of DPS Bokaro in CBSE XII –2024

Nitesh Verma

झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का किया गया प्रचार प्रसार

Nitesh Verma

Leave a Comment