नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): झारखंड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि विशेष रूप से पिछले 10 साल में राँची में अवस्थित भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम भारी अभियंत्रण निगम (एचईसी) की स्थिति बद से बदतर हो गयी है और आज देश में औद्योगिक ताना-बाना खड़ी कर करने वाले इस महान संस्थान के अधिकारियों और कर्मचारियों की आँखों में आँसू, दर्द और केवल और केवल प्रताड़ना है। बंधु तिर्की ने कहा कि एचईसी की इस बदहाल स्थिति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
वरिष्ठ काँग्रेस नेता ने झारखंड से भाजपा व आजसू के निर्वाचित 12 लोकसभा सदस्यों के साथ ही भाजपा से संबंध रखने वाले सभी राज्यसभा सदस्यों से भी यह क्या सवाल किया कि उनकी नजर में एचईसी के वर्तमान स्थिति और यह मामला महत्वपूर्ण है भी या नहीं ? इस सन्दर्भ में उन्हें सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए।
बंधु तिर्की ने कहा कि एचईसी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पिछले 19 महीने से वेतन नहीं मिला है और उन्हें अपने घर परिवार को चलाने के लिये भी कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है। उनके सामने अनाज, सब्जी और दूध खरीदने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई तक के पैसे का संकट है। लेकिन केंद्र सरकार का भारी उद्योग मंत्रालय हाथ पर हाथ धरकर बैठा हुआ है। बंधु तिर्की ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की नीतियाँ कुल मिलाकर, एचईसी और इस जैसे देश को गौरवान्वित करनेवाले प्रतिष्ठानों को बंद करने और कुछेक औद्योगिक घरानों को प्रोत्साहित करने वाली है और यही कारण है कि आज की तिथि में एचईसी अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के साथ ही अनेक निदेशक भी प्रभार में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एचईसी को चलाने के नाम पर केन्द्र सरकार केवल खानापूर्ति कर रही है। बंधु तिर्की ने कहा कि पिछले मार्च 2023 से ही यहाँ उत्पादन ठप पड़ा है हालांकि आज भी एचईसी के पास भरपूर कार्यादेश (वर्क आर्डर) है लेकिन कार्यशील पूँजी के अभाव के कारण काम बंद है।
बंधु तिर्की ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद लगभग छह दशकों में एचईसी ने देश में अनेक स्टील प्लांट, कोयला कम्पनियों के साथ ही राष्ट्र के अनेक आधारभूत संरचनाओं के विकास और निर्माण में अपना अद्भुत योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि एचईसी की इतनी शानदार पृष्ठभूमि के बाद भी इसकी बदहाल स्थिति प्रबंधक से कहीं ज़्यादा केन्द्र सरकार के ऊपर सवाल खड़े करती है।
इस दौरान बंधु तिर्की ने कहा कि आज एचईसी की बदहाल एवं दयनीय स्थिति के कारण यहाँ के 27 सौ से अधिक अधिकारी, कर्मचारी एवं अस्थाई कर्मी और उनका परिवार अभावग्रस्त होकर प्रताड़ना का जीवन झेल रहा है और इसकी जिम्मेदारी से केन्द्र सरकार, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बच नहीं सकते। बंधु तिर्की ने कहा कि न सिर्फ, दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले देश की नींव रखने वाले अनेक औद्योगिक उपक्रमों की आधार संरचना तैयार करने वाले बल्कि, देश को गौरवान्वित करने वाले इसरो और एचएएल के अनेक महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण करनेवाले एचईसी कि बदहाली के पीछे छुपे कारणों की पड़ताल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के साथ ही उसके सभी समर्थकों को भी आत्म चिंतन करना चाहिए कि वह देश को कैसी दिशा में ले जा रहे हैं ?
बंधु तिर्की ने कहा कि उनकी राय में आध्यात्मिक, धार्मिक और सामाजिक मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और वे इससे किसी भी दृष्टिकोण से इंकार नहीं कर रहे। लेकिन इसके कारण इस मदर इंडस्ट्री से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों, अस्थाई कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के हितों की तिलांजलि नहीं दी जा सकती और न ही राष्ट्र के अभिमान, स्वाभिमान और औद्योगिक हितों की बलि चढ़ाई जा सकती है।