झारखण्ड पेटरवार बोकारो

कृषि विज्ञान केंद्र पेटरवार में सत्रहवीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न

वैज्ञानिक जो शोध करते हैं, वो किसानों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचे इस पर भी वैज्ञानिक ध्यान — डॉ0 अंजनी

पंकज सिन्हा, पेटरवार

पेटरवार: पेटरवार कृषि विज्ञान केन्द्र, पेटरवार बोकारों में दिन शुक्रवार को सत्रहवीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षाता निर्देषक अटारी पटना जोन-4 डॉ0 अंजनी कुमार ने की। बैठक में डॉ0 मोनोरूल्लाह प्रधान वैज्ञानिक अटारी पटना जोन-4, डा0 बीके अग्रवाल निदेषक सोवाईल साईंस बिरसा कृशि विष्वविद्यालय, रांची, डॉ. विनय कुमार प्रोफेसर, डॉ0 अब्दुल माजिल प्रोफेसर, बिरसा कृशि विष्वविद्यालय, रांची, मो साहिद जिला कृशि पदाधिकारी, मो0 आबिद हुसैन एलडीएम, श्री पी बिलुंग डीडीएम नाबार्ड आकाष सिंहा, पौधा संरक्षण गिरीडीह, अमर लकड़ा डीएचओ एवं लाईन डिपार्टमेंट के सभी पदाधिकारी षामिल थे। बैठक की षुरूआत अतिथियों के द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। उद्घाटन के उपरांत वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डा0 अनिल कुमार ने आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कृशि विज्ञान केन्द्र, पेटरवार बोकारों के द्वारा वर्श 2024-25 किये गये कार्याे के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम में वैज्ञानिक डा0 आर्दष श्रीवास्तव, डा0 नंनदा कुमारी ने भी अपने पिछले वर्श मंे किये गये कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निर्देषक अटारी पटना जोन-4 के डॉ0 अंजनी कुमार ने कहा कि सरल शोध कार्य करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक जो शोध करते हैं, वो किसानों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचे इस पर भी वैज्ञानिक ध्यान दें। डा0 अंजनी ने कहा कि किसानों के दरवाजे तक तकनिकों को पहुचाने कार्य कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक ही करते है जो काफी अहम है। वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक् किसानों के हीत को देखते हुए होनी चाहिए। कृषि विज्ञान केन्द्र तीन परपस कार्य करती है। पहला प्रशिक्षण दुसरा प्रत्यक्षण एवं तीसरा सुसाधन को जुटाना। कार्यक्रम में अटारी पटना जोन.4 के वरीय वैज्ञानिक डा0 मोनोरूल्लाहअ ने कहा कि किसानों की कि झारखण्ड में एक तरह की जमीन नहीं है इसको ध्यान में रख कर प्रत्यक्षण करें उन्होने कहा कि वैज्ञानिक जो भी शोध करे वो किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए करें । कार्यक्रम में डा0 बीके अग्रवाल निदेषक सोवाईल साईंस बिरसा कृशि विष्वविद्यालय, रांची, ने भी अपने संबोधन में कहा कि वैज्ञानिक छोटे-छोटे किसानों को भी ध्यान में रखकर शोध का कार्य करें। कार्यक्रम में डा0 बीनय कुमार, कनिय वैज्ञानिक बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची ने कहा कि किसान की आमदनी दो तरह से बढ़ सकती है पहला कम लागत हो और आमदनी ज्यादा हो इस पर ज्यादा ध्यान देकर प्रत्यक्षण करें वैज्ञानिक। डा0 बीनय ने कहा की अधिक आमदनी के लिए समुह में खेती करने काफी लाभ हो सकती है। अभी के किसान मजबुरी में खेती करते हैं पर ये सोच को बदलना होगा और शौख के सान खेती करनी होगी तभी आप आमदनी को दुगुना कर सकते हैं। डॉ0 अब्दुल माजिल प्रोफेसर, बिरसा कृशि विष्वविद्यालय, रांची ने कहा कि कृशि विज्ञान केन्द्र, पेटरवार बोकारो पहले के अपेक्षा काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्होनें ने सब्जी वैज्ञानिक खेती पर जोर देने की बात कही। बैठक में किसान खेती से संबंधित कार्य में कया समस्या झेल रहे हैं, उन समस्याओं का वैज्ञानिक दृश्टिकोण से क्या समाधान होनी चाहिए। देष की नई तकनीक को वैज्ञानिक तरीके से कैसे किसानों तक पहुंचाया जाए इस पर पूरे दिन चर्चा की गई। कार्यक्रम में कृशि विज्ञान केन्द्र बोकारो के डा0 निना कुमारी, रषमी कलडुलना, रूपा रानी मो0 जुनैद आलम आदी ने अहम भुमिका निभाई।

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