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चिन्मय बोकारो में स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की 108वी जयंती मनाई गई

बोकारो (ख़बर आजतक) : संपूर्ण विश्व सहित चिन्मय विद्यालय बोकारो में क्रांति-द्रष्टा युग पुरुष, गीता ज्ञान प्रचारक, ब्रह्म स्वरूप एवं विश्व व्यापी वेदांत ज्ञान प्रचारक की संस्था चिन्मय मिशन केंद्र के संस्थापक परम पूज्य स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की 108वी जयंती पूरे उल्लास, श्रद्धा, भक्ति एवं हर्ष से मनाई गई । आज पूजा -अर्चना में विद्यालय परिवार के प्रबंधक के सभी माननीय सदस्य विद्यालय अध्यक्ष विश्वरूप मुखोपाध्याय, सचिव महेश त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष आर एन मल्लिक, प्राचार्य सूरज शर्मा, उप प्राचार्य नरेंद्र कुमार सहित सभी शिक्षक- शिक्षक कर्मचारी एवं सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। चिन्मय मिशन बोकारो की आवासीय आचार्या स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती के सानिध्य में परम पूज्य गुरुदेव के श्रीचरण स्वरुप उनकी पादुका का वैदिक विधि से गुरुदेव अष्टोतरशतनाम(108 नामों ) के साथ पूजा अर्चना की गई। पुजनोंप्रान्त परम पूज्य स्वामिनी जी ने गुरुदेव के महानतम व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 8 मई 1916 को केरल में हुआ था और 3 अगस्त 1996 को अमेरिका के शिकागो में उन्होंने महासमाधि प्राप्त की थी। इस जीवन विधि का एक-एक समय उन्होंने देश एवं विश्व कल्याण के लिए अर्पित कर दिया। यौवन काल में उन्होंने देश की स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित किया। देश की आजादी के बाद पत्रकारिता के माध्यम से दबे- कुचले, भूखे -नंगे,जरूरत मंद व्यक्ति के लिए आवाज बने और जब संन्यास लिया तो आजीवन गीता ज्ञान प्रचारक बने । वेदांत में छुपे अमूल्य ज्ञान- विधि को लोगों में बताते रहे। परम पूज्य गुरुदेव का मानना था कि इतना विशाल भारत, देश जिसकी सीमा आधुनिक उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान से लेकर इंडोनेशिया के द्वीपों तक फैली हुई थी । जिसकी संतान या मूल्य वेदांत- ज्ञान की धनी थी, यह बार-बार पराजित क्यों होते रहे । भारत का विखंडन क्यों होता रहा! उनका मानना था कि भारतीय जो स्वयं सत आनंद स्वरूप है । उन्होंने अपने इस स्वरूप को भुला दिया है। इसलिए भारत के प्राचीन गौरव की स्थापना के लिए आवश्यक है कि हर एक भारतवासी यह जाने की वह कौन है? उसका स्वरूप क्या है? इसके लिए उन्हें वेदांत की ओर लौटना होगा। इसी उद्देश्य से वे पुणे के गणेश मंदिर से शुरू गीता ज्ञान- यज्ञ की यात्रा प्रारंभ कीऔर यह उनके जीवन अंत तक चलती रही । सैकड़ो मंदिरों का निर्माण करवाया, जीर्णोद्धार करवाया। सैकड़ो विद्यालय की स्थापना हुई। संपूर्ण विश्व में चिन्मय मिशन केंद्र की स्थापना की गई । उनके स्वप्न को सरकार करने के लिए सैकड़ो स्वामी एवं ब्रह्मचारी दिन-रात इस ज्ञान- यज्ञ में, विश्व निर्माण में अपनी आहुति देते आ रहे हैं ।
स्वामिनी जी ने कहा कि इस पुनीत अवसर पर मैं समाज के कल्याण, आप सबसे कल्याण के लिए, आप सबके मंगल के लिए, अपना श्रद्धापूर्ण नमन गुरुदेव के चरणों में समर्पित करती हूं। आप सब पर ईश्वर एवं गुरुदेव की असीम कृपा बनी रहे । चिन्मय विद्यालय के प्राचार्य सूरज शर्मा ने सभी से आग्रह किया कि परम् पूज्य गुरुदेव स्वामी चिन्मयानंद जी के एक आदर्श को भी अगर हम अपने जीवन मे साथ लेकर चलते हैं तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। गुरुदेव अनुशासन प्रिय, अध्यात्म प्रिय, शिक्षा प्रिय , न्याय प्रिय थे। उन्होंने समाज के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया।
चिन्मय विद्यालय के संगीत ग्रुप के शिक्षकों एवं छात्रों द्वारा कई मधुर एवं कर्ण प्रिय भजन प्रस्तुत किए गए जिसमें सिबेन चक्रवर्ती, गोपाल चंद्र मुंशी, रिंकी पांडे, आभा सिंह एवं अन्य विद्यार्थी शामिल थे।

शिक्षकों द्वारा श्लोक पुष्पांजलि अर्पित की गई

इसी क्रम में आज विद्यालय के शिक्षकों द्वारा श्लोक-पुष्पांजलि अर्पित की गई। यह अनूठा प्रयोग किया गया। यह कार्यक्रम काफी रोचक रहा । परम पूज्य गुरुदेव गीता निष्ठ एवं गीता प्रिय थे। इसलिए उनके चरणों में गीता श्लोक अर्पित की गई। प्रत्येक शिक्षकों के द्वारा एक-एक श्लोक का उच्चारण किया गया और यह निश्चित किया गया था कि वे वही श्लोक का पाठ करेंगे जो शिक्षक के नाम का पहला अक्षर से प्रारंभ होगा। परम पूज्य स्वामिनी जी ने शिक्षकों के इस कार्य की काफी सराहना की और उन्हें आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

गीता ग्रंथ एवं अन्न किया गया दान

सेक्टर 5 स्थित मानव सेवा आश्रम में अन्न एवम जरूरी समान दान दिया गया। इस अवसर पर सचिव महेश त्रिपाठी , संजू चक्रवर्ती, सुप्रिया चौधरी, एन सी मिश्रा, पुनीत दोषी कोमल दोषी, की उपस्थिति थे।

पी एंड टी मोड़ एवं सिटी सेंटर में श्रीमद् भागवत गीता एवं ठंडा पेयजल लोगों के बीच वितरित किया गया ।

जनवृत 5 स्थित चिन्मय मिशन केंद्र में भजन संध्या एवं पादुका पूजन का आयोजन किया गया । संध्या 6:00 बजे से परम पूज्य गुरुदेव स्वामी चिन्मयानंद महाराज की 108वी जयंती चिन्मय मिशन सेक्टर 5 में भी हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सम्पूर्ण पूजा वैदिक रीति से किया गया तथा भजन संध्या का मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किया गया इस अवसर पर आश्रम में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सभी में उत्साह ऊमर रही थी। इस अवसर पर आश्रम में भजन संध्या के उपरांत प्रसाद वितरण किया गया । इस अवसर पर चास- बोकारो के सैकड़ो सदस्य एवं भक्तगण उपस्थित थे। साथ ही पूरे दिन चिन्मय मिशन एवम चिन्मय विद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने में संजीव सिंह, पंकज मिश्रा, संजू चक्रवर्ती, सुप्रिया चौधरी, रजनीश चौधरी, प्रांजल सेकिया, डॉ रोशन शर्मा, रणधीर नारायण, एन सी मिश्रा एवम सहयोगी शिक्षक उपस्थित थे।

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