झारखण्ड राँची राजनीति

झारखंड के नए मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने दिलाई शपथ

डिजिटल डेस्क

राँची (ख़बर आजतक): चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. उन्होंने आज राजभवन में राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ) ली. उनके साथ ही कई अन्य नेताओं ने भी शपथ ली है. शपथ लेने वालों में कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और सत्यानंत भोक्ता भी शामिल है. शपथ ग्रहण कार्यक्रम रांची के राजभवन में आयोजित किया गया. इस दौरान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को सीएम पद की शपथ दिलवाई. बता दें कि चंपई सोरेन JMM उपाध्यक्ष थे. लेकिन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की खबरों के बीच नए सीएम के लिए उनके नाम पर सहमति जताई गई थी, जिसके बाद ही ये साफ हो गया था कि राज्य की सत्ता हेमंत सोरेन की गैरमजूदगी में चंपई ही संभालेंगे. अब आधिकारिक तौर पर वह राज्य के मुख्यमंत्री बन गए हैं.

चंपई सोरेन को 10 दिन में साबित करना होगा बहुमत

चंपई सोरेन की कैबिनेट में आलमगीर आलम और सत्यानंत भोक्ता भी शामिल हुए हैं. उन्होंने भी मंत्री पद की शपथ ली है. बता दें कि चंपई सोरेन को बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. हेमंत सोरेन की कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के 24 घंटे से ज्यादा समय के बाद राज्यपाल ने गुरुवार देर शाम उन्हें शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था. जानकारी ये भी सामने आई है कि विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद चंपई सोरेन अपने कैबिनेट का विस्तार करेंगे. इस बार मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं.JMM को विधायकों की टूट का डरचंपई सोरेन से गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य की स्थिति से अवगत कराया था.संख्या बल में मामूली अंतर के बाद जेएमएम गठबंधन को टूट का डर सता रहा है. जिसकी वजह से उन्होंने अपने विधायकों को हैदराबाद भेजने की कोशिश की. जेएमएम का विधायकों को भेजने का प्लान खराब मौसम की वजह से तेलंगाना जाने वाला विमान उड़ान नहीं भर सका, जिसके बाद देर शाम विधायकों को शहर के एक सरकारी गेस्ट हाउस में ले जाया गया. कुछ ही देर बाद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को फोन किया. हालांकि पार्टी का कहना है कि उनके पास पर्याप्त संख्या बल है.

हेमंत सोरेन को ED ने किया गिरफ्तार

कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद ईडी ने बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया था. एजेंसी ने दिन में उनसे सात घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता के खिलाफ संघीय एजेंसी ने जो आपराधिक मामला दर्ज किया है वह जून 2023 की ECIR (प्राथमिकी के समान) से उपजा है. इससे पहले, राज्य सरकार के कर्मचारियों और राजस्व विभाग के उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए थे.ये भी पढ़ें-चंपई सोरेन: अलग राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई में अपने योगदान के कारण कहे जाते हैं ‘झारखंड टाइगर’

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