रिपोर्ट : नितीश मिश्र
राँची(खबर_आजतक): आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने बुंडू स्थित आजसू कार्यालय में डॉ रामदयाल मुंडा की जयंती पर उनके तस्वीर पर माल्यार्पण के दौरान कहा कि झारखण्ड अलग राज्य आंदोलन के बौद्धिक ताकत और सांस्कृतिक आंदोलन के प्रणेता पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा हमारी समृद्ध संस्कृति को आगे बढ़ाने और आदिवासियों की पहचान बनाए रखने के लिए आजीवन संघर्षरत रहे। उनका जीवन अपने आप में एक उदाहरण है कि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो आप किसी भी क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं। रामदयाल मुण्डा के योगदानों से नई पीढ़ी को रूबरू होना आवश्यक।
राँची के छोटे से गाँव से निकलकर उन्होंने अपनी मेहनत, समर्पण, त्याग और काबिलियत के दम पर न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई बल्कि झारखण्ड की कला संस्कृति को भी वैश्विक पटल पर पहुँचाने का काम किया। उन्हें याद करने के लिए किसी खास तारीख की जरूरत नहीं। वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। उनकी विद्वता और विनम्रता से युवाओं को सीखने की आवश्यकता।
झारखण्ड की समृद्ध संस्कृति को संजोने और संवारने के साथ ही हमें विकास की राह पर चलना है। अपनी गौरवपूर्ण संस्कृति से दूर होकर हम विकास की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हम अपनी जड़ों से कटकर आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
इस अवसर पर जिप सदस्य बुंडू परमेश्वरी सांडिल, केंद्रीय सचिव गुंजल इकिर मुंडा, केन्द्रीय सचिव रामदुर्लभ सिंह मुंडा, आजसू पार्टी वरीय नेता सिंगराय टूटी, केन्द्रीय सचिव सुधा मुण्डू, राँची जिला वरीय उपाध्यक्ष राजकिशोर कुशवाहा उपस्थित थे।