राँची

परवाज़ – 2022 में तिलक सदन बना ओवरऑल चैंपियन

खेलकूद से सशक्त व परिपक्व समाज का होता है निर्माण : समरजीत जाना

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): मेकॉन स्टेडियम, श्यामली में चल रहे चार दिवसीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता समारोह का रंगमय और भव्यता के साथ हुआ समापन। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ० रवि रंजन , झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जेनरल मो० साकिर, मेकॉन लिमिटेड कंपनी के तकनीकी निदेशक ए०के० अग्रवाल एवं विशिष्ट अतिथि वित्त निदेशक मुकेश कुमार, शालिनी अग्रवाल को पौधा भेंटकर खेल परिसर में स्वागत किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ० रवि रंजन ने विद्यालय ध्वज का झंडोत्तोलन कर परेड का निरीक्षण किया। तिलक, टैगोर, दयानंद और राजेंद्र सदन के छात्रों ने विद्यालय के स्पोर्ट्स कैप्टन शिवांश राज और अनुष्का चौधरी की अगुवाई में मार्चपास्ट कर मंच पर बैठे मुख्य अतिथि, विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य एवं गणमान्य को सलामी दी।
इस दौरान विद्यालय की छात्रा प्रमुख मेधा श्री के स्वागत भाषण और स्वागत गीत ने मंचासीन अतिथियों को भाव-विभोर कर दिया।
तत्पश्चात् प्राचार्य समरजीत जाना ने विद्यालय का वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा तथा प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं की राज्य, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए ज्ञान के इस मंदिर को सह शैक्षिक क्रियाकलापों के साथ मूल्यपरक, गुणात्मक व रचनात्मक शिक्षण के लिए कृतसंकल्प बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल में हार-जीत लगी रहती है। हार एक सीख की तरह है। इसी खेल-कूद से सशक्त एवं परिपक्व समाज का निर्माण होता है।
आनंद, उत्साह और स्फूर्ति की लहरों पर सवार तरंग (हुला-हूप्स) के माध्यम से प्राइमरी के नन्हें-मुन्हों ने शारीरिक व्यायाम और योग मुद्रा के विभिन्न आसनों को प्रदर्शित करते हुए स्वस्थ एवं तंदुरुस्त जीवन शैली अपनाने का संदेश दिया। वहीं ड्रम्बलड्रिल के माध्यम से दलगत भावना, एकजुटता, उमंग, मेहनत, अनुशासन, लयबधता, एकाग्रता व आवाज़ के साथ छात्रों का लाल, हरे, पीले और नीले रंग से सामूहिक प्रदर्शन देखते बनता था।
‘हम भी हैं जोश में .. ‘ के गीत महिला सशक्तिकरण को समर्पित था। इस सामूहिक नृत्य में हॉकी स्टिक के साथ छात्राओं की सुंदर, कलात्मक तथा भावमयी प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया जिसमें उन्होंने बताया कि लड़की होना कोई अभिशाप नहीं है बल्कि अवसर मिल जाए तो लड़कियाँ आसमान की बुलंदियों को छूने का दमखम रखती हैं।
बालक वर्ग के जूनियर छात्र और बालिका वर्ग के सब जूनियर छात्रों, भूतपूर्व छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों की 100 मीटर की दौड़ आकर्षण का केंद्र बने। वहीं प्राइमरी कक्षा के नन्हें-मुन्हों द्वारा बोरा में घुसकर दौड़ने की प्रतियोगिता ने दर्शकों को खिलखिलाने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर उपस्थित दर्शकों ने तालियों के माध्यम से प्रतियोगियों का जमकर उत्साह बढ़ाया।
व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में सब जूनियर ग्रुप के बालक वर्ग में आदित्य राज, बालिका वर्ग में शाहिस्ता परवीन और आश्मी सिंह, जूनियर ग्रुप के बालक वर्ग में प्रांजल सिंह और बालिका वर्ग में बानी क्षेत्री, सीनियर ग्रुप के बालक वर्ग में मोहक मानव दास और बालिका वर्ग में नंदिनी चौहान को व्यक्तिगत चैंपियनशिप का खिताब मिला।

वहीं क्रिकेटर शिखर मोहन और निशानेबाज अनुष्का चौधरी को बेस्ट एथलीट ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा से गया। इन्हें मंच पर मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा पदक, मैडल और प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। सामूहिक प्रतिस्पर्धा में चेस में तिलक सदन, कैरम में तिलक सदन, बास्केटबॉल में राजेंद्र सदन, वॉलीबॉल में राजेंद्र सदन, कबड्डी में संयुक्त रूप में तिलक और टैगोर सदन, टग ऑफ वॉर में तिलक सदन विजेता बने।

इस प्रतियोगिता में तिलक सदन 711 अंको के साथ ओवरऑल चैंपियनशिप के खिताब पर कब्ज़ा जमाया वहीं राजेंद्र सदन 689 अंको के साथ उप विजेता बने। बेस्ट डिसिप्लिन हाउस का पुरस्कार राजेंद्र सदन को मिला तथा तिलक और टैगोर सदन, संयुक्त रूप से बेस्ट मार्चपास्ट करने वाले सदन बने।

इस दौरान मुख्य अतिथि डॉ० राजीव रंजन ने जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली को राज्य का श्रेष्ठ शिक्षा संस्थान बताते हुए बच्चों को ईश्वर की प्रतिछाया बताया। उन्होंने कहा कि खेल जीवन के समग्र विकास का मूलमंत्र है। विद्यालय में निरंतर खेलों के आयोजन से भविष्य के चैंपियन मिलते हैं। खेलकूद मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अति आवश्यक है। रामधारी सिंह ‘दिनकर’ और सुभद्राकुमारी चौहान के काव्य-पंक्तियों का उल्लेख करते हुए बचपन के स्कूल के दिनों को सुनहरा काल बताया।

उन्होंने अब्राहम लिंकन के कथन Education does not mean teaching people what they donot khow. It means teaching them to behave as they donot behave पर प्रकाश डालते हुए शिक्षा एवं शिक्षण के विभिन्न सोपानों की चर्चा करते हुए जीवन में शिक्षा के महत्त्व को उजागर किया और कहा कि इस जीवन के बाहर भी एक नई दुनिया आपका इंतजार कर रही है अतः स्कूली दिनों से ही सही सोचने और आगे बढ़ने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। किताबी ज्ञान के साथ ही छात्रों को खेलकूद आदि अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लेना चाहिए।

इस दौरान विद्यालय छात्र प्रमुख आर्यन शांडिल्य ने मुख्य अतिथि, सभी आगंतुकों, गणमान्यों, अभिभावकों, NSS व NCC के वोलेंटियर, मीडियाकर्मियों, शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों का अभिवादन करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

Related posts

भाजपा ने राज्य सरकार पर बोला हमला, कहा ‐ हेमन्त सरकार की तुष्टिकरण नीतियों के कारण ही बढ़ा सांप्रदायिक लोगों का मनोबल

Nitesh Verma

झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स चुनाव: टीम किशोर मंत्री ने 24 प्रत्याशियों के साथ किया नामांकन दाखिल

Nitesh Verma

झारखण्ड में पहली बार होने जा रहा है राष्ट्रीय थ्रोबॉल प्रतियोगिता : आलोक दूबे

Nitesh Verma