बोकारो (ख़बर आजतक) : सेल-बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) ने सेल के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर फॉर आयरन एंड स्टील (आरडीसीआईएस) के सहयोग से सस्टेनेबल स्टील उत्पादन की दिशा में एक बड़ी पहल करने में सफलता हासिल की है. बीएसएल के निदेशक प्रभारी बी के तिवारी, अधिशासी निदेशक (मानव संसाधन एवं अतिरिक्त प्रभार संकार्य) राजन प्रसाद तथा अधिशासी निदेशक (आरडीसीआईएस), रांची संदीप कर के नेतृत्व में आरडीसीआईएस और बीएसएल की संयुक्त टीम ने इस्पात उत्पादन प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होने वाले मिल स्केल और स्लज जैसे उच्च लौह युक्त अपशिष्टों को रिसाइकिल कर स्लज ब्रिक्स सफलतापूर्वक विकसित और निर्मित किया है.

सेल में पहली बार और संभवतः इस्पात उद्योग में पहली बार 15 जून 2024 को स्लज ब्रिक्स को बीएसएल के स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस)- II के कन्वर्टर्स में चार्ज किया गया. मिल स्केल और स्लज का पुनर्चक्रण सस्टेनेबल इस्पात उत्पादन के लिए काफी अहम माना जा रहा है. उल्लेखनीय है कि इस्पात उत्पादन प्रक्रिया में स्क्रैप का इस्तेमाल आमतौर पर कूलेंट के रूप में किया जाता है. अधिकांश एकीकृत इस्पात संयंत्रों में नई तकनीकों को अपनाने और प्रक्रियाओं के अनुकूलन से इन-हाउस स्क्रैप की उपलब्धता में कमी आई है.

एक तरफ आंतरिक स्क्रैप की कमी और दूसरी ओर बाहरी स्रोत से उपलब्ध स्क्रैप की उच्च लागत एक बड़ी चुनौती थी. इस पृष्ठभूमि में स्लज ब्रिक्स के निर्माण और एसएमएस-II में स्क्रैप के बदले इसके इस्तेमाल की पहल की गई. इन “ग्रीन ब्रिक्स ” ने परीक्षणों में बहुत उत्साहजनक परिणाम दिए हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि स्लज ब्रिक्स जल्द ही बीएसएल में इस्पात उत्पादन प्रक्रिया का एक नियमित हिस्सा बन सकता है. इस अवसर पर बीएसएल के निदेशक प्रभारी श्री बी के तिवारी ने कहा कि यह सफलता न केवल इस्पात उत्पादन की लागत को कम करने में मदद करेगी, बल्कि बीएसएल और अन्य सेल संयंत्रों के डी-कार्बोनाइजेशन और सर्कुलर इकोनॉमी के उद्देश्यों में भी मदद करेगी. अरविंद कुमार सीजीएम (एसएमएस II), पीके बैसाखिया सीजीएम (मेंटेनेंस) मनोहर लाल, सीजीएम (गुणवत्ता), ए के मिस्त्री, सीजीएम ( आरडीसीआईएस बोकारो केंद्र) , दीप कुमार सक्सेना, जीएम (बीएसएल), पी मरांडी, जीएम (बीएसएल), पीएस मीना जीएम (बीएसएल), एनपी श्रीवास्तव जीएम (ईसीएस), संतोष कुमार, डीजीएम आरडीसीआईएस बोकारो, स्मिता टोप्पो, प्रबंधक (आरडीसीआईएस बोकारो), अभिजीत दास, प्रबंधक, (आरडीसीआईएस बोकारो), चंदन कुमार, प्रबंधक (आरडीसीआईएस बोकारो) तथा आरडीसीआईएस और बीएसएल के अन्य टीम के सदस्य इस सफल परीक्षण में सक्रिय रूप से शामिल थे.