रंजन वर्मा, कसमार
कसमार (ख़बर आजतक) : लिंगभ्रूण जांच कराना कानून अपराध है, इसको लेकर के आम जनमानस में जन जागरूकता की आवश्यकता है। यह बात सहयोगिनी संस्था की सचिव कल्याणी सागर ने आज कसमार प्रखंड के बगदा पंचायत भवन में आयोजित जेंडर आधारित हिंसा के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कहीं।उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या रोकने के लिये सरकार ने कानून तो लागू कर दिया है, लेकिन इसकी सार्थकता तभी है, जब सभी इस जघन्य कृत्य को रोकने के लिए साथ आएं। पीसीपीएनडीटी एक्ट के अनुसार, गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच करना या करवाना, दोनों दंडनीय अपराध है। समाज में व्याप्त जेंडर विभेद के कारण लोग कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध को अंजाम देते हैं जिसे हम मिलजुल करके ही रोक सकते हैं। कहीं भी इस तरह का कोकृति जिले में हो रहा है तो इसकी सूचना जिला में गठित टास्क फोर्स को दिया जाना चाहिए।
सहयोगिनी संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षक प्रकाश कुमार झा ने कहा कि समाज में व्याप्त जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के लिए इससे संबंधित जन जागरूकता कार्यक्रम लगातार किए जाने की जरूरत है । साथ ही समाज के सभी वर्गों को जेंडर तथा महिला संबंधी अपराध को रोकने के लिए आगे आना होगा । इस दौरान सहयोगिनी द्वारा संचालित किशोरी समूह की 40 किशोरियों को समूह चर्चा, ऑडियो वीडियो के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया । कार्यक्रम के दौरान सहयोगिनी की समन्वयक कुमारी किरण, गौतम सागर, रेखा देवी, सुनीता कुमारी, बबिता कुमारी, अनिता कुमारी आदि उपस्थिति थी।