झारखण्ड राँची राजनीति

लोकतांत्रिक नहीं बल्कि आदिवासी अधिकारों को कुचलने वाले तंत्र को संरक्षण देते हैं प्रधानमंत्री : बंधु तिर्की

नितीश_मिश्र

राँची/नई दिल्ली(खबर_आजतक): पूर्व मंत्री, झारखंड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रुप से उन तत्वों को अपना संरक्षण देते हैं जो आदिवासी अधिकारों को कुचलने पर आमादा हैं। बंधु तिर्की ने आरोप लगाया कि मणिपुर की घटना ना केवल आदिवासी अधिकारों को कुचलने की बात है बल्कि, उनकी सभ्यता, संस्कृति, जल, जंगल, जमीन के साथ उसके सामंजस्य और सम्मान को भी कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह समझना बहुत बड़ी भूल है कि मणिपुर की घटना केवल महिला सम्मान और महिला अस्मिता पर हाथ डालने का प्रयास है। यह वास्तव में आदिवासियों द्वारा अपनी आवाज को उठाने के प्रयास को दबाने का तरीका है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर भारत एक लोकतांत्रिक देश है और प्रधानमंत्री सभी के होते हैं इसलिए उनसे हमें बहुत अधिक आशा होती है चाहे वह किसी भी पार्टी का हो। लेकिन यह घटना वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है और बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देता है। केंद्र सरकार द्वारा पारित वन अधिकार कानून की कड़ी आलोचना करते हुए बंधु तिर्की ने कहा कि इसके बाद ग्राम सभा के अधिकार समाप्त हो गए हैं और सरकार या उद्योगपति बिना ग्राम सभा की सहमति के किसी भी आदिवासी जमीन पर कब्जा कर सकती है।

इस दौरान अपने संबोधन में बंधु तिर्की ने कहा कि वन अधिकार कानून के बाद मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और त्रिपुरा की शत-प्रतिशत भूमि उसके दायरे में आ जाएगी जबकि अरुणाचल प्रदेश की 40 प्रतिशत और आसाम की 30 प्रतिशत भूमि नये वन अधिकार कानून के दायरे में होगी और वहाँ सबसे ज्यादा आघात आदिवासी समुदाय के अधिकारों पर होगा। इस धरना में अपने संबोधन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं झारखंड प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने कहा कि काँग्रेस हमेशा से भावनात्मक रूप से आदिवासियों के साथ ही देश के दबे-कुचले लोगों के साथ रही है और पंडित नेहरु के नेतृत्व में गठित पहली सरकार से लेकर आज सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी तक की भावना आदिवासियों के साथ है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के अधिकार को कुचलने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

आदिवासी अधिकारों की रक्षा एवं मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की माँग पर आयोजित इस धरना कार्यक्रम में अपने संबोधन में अखिल भारतीय आदिवासी कॉंग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवाजी राव मोघे ने कहा कि बिना चुनावी गणित और अपने जनाधार का हिसाब-किताब किए, कॉंग्रेस और इसके नेता भावनात्मक रुप से पूरी तरीके से आदिवासियों के साथ हैं और यह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी एवं प्रियंका गांधी के साथ ही सभी नेताओं बात-व्यवहार से जाहिर होता है। जबकि भाजपा नेताओं का रवैया पूरी तरीके से निरंकुश है। इस धरना में बैठे सभी लोगों को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि मणिपुर की घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि इसके पीछे आर एस एस, विश्व हिंदू परिषद और भाजपा की सोची-समझी रणनीति है। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि आरएसएस, डीलिस्टिंग की माँग कर रही है और इसके तहत उन आदिवासियों को आरक्षण सूची से हटाने की माँग वह जब-तब करती रहती है जो ईसाई धर्मावलंबी हैं या जिन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया है जबकि धर्म और आरक्षण अलग-अलग मुद्दे हैं।

इस धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं त्रिपुरा प्रभारी डॉ अजय कुमार ने कहा कि मणिपुर में मैती और कुकी समुदाय के बीच हो रहे सारे संघर्ष के पीछे अनेक लोगों की सोची-समझी रणनीति है क्योंकि वहाँ पाम ऑयल का भंडार है।

इस दौरान अपने संबोधन में अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि मणिपुर की घटना न केवल भारतीय लोकतंत्र बल्कि, भारतीय परंपरा के माथे पर एक ऐसा बड़ा कलंक है जिसे मिटाने में लंबा समय लग जाएगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना से सभी लोग शर्मसार है लेकिन महिला अधिकारों के पक्ष में दिन – रात बात करने वाले भाजपा नेताओं को इस मामले में जितना मुखर होना चाहिए उसका 1 प्रतिशत भी कहीं नजर नहीं आता।

इस धरना कार्यक्रम में झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की के नेतृत्व में लगभग 500 लोगों ने इसमें भाग लिया। वे सभी लगभग एक किलोमीटर की यात्रा कर इस धरना कार्यक्रम में पहुँचे। उनके साथ झारखंड का सांस्कृतिक दल भी इसमें शामिल हुआ।

Related posts

न्याय देने में नाकाम हो रहीं फास्ट ट्रैक स्पेशल अदालतें : गौतम सागर

Nitesh Verma

डीएवी सेक्टर- 6 में “ एक्टिविटी-कम-एक्सपेरीएन्सिअल लर्निंग वीक ” कार्यक्रम का आयोजन

Nitesh Verma

4 फरवरी को मोराबादी मैदान में आयोजित होगी आदिवासी एकता महारैली, आदिवासी के ज्वलंत मुद्दो पर वार्ता

Nitesh Verma

Leave a Comment