यह विधेयक किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं : शाहदेव
राज्य सरकार को कृषि शुल्क से प्राप्त राशि से अधिक नुकसान जीएसटी से प्राप्त होने वाली राशि में कमी के रुप में होगी : संजय माहुरी
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के आश्वासन के बावजूद झारखण्ड विधानसभा में कृषि शुल्क विधेयक को पुनः पारित कराए जाने से राज्य के सभी जिलों के व्यापारियों के बीच बन रही असमंजसता की स्थिति को देखते हुए गुरुवार को चैंबर भवन में पूर्व उप महापौर अजयनाथ शाहदेव, प्रोफेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष आदित्य विक्रम जयसवाल और पार्टी के सेक्रेटरी जेनरल संजय पाण्डेय के साथ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा बैठक कर, इस विधेयक की अव्यवहारिकता और इससे होने वाली कठिनाईयों पर चर्चा की गई।
इस दौरान सदस्यों ने कहा कि यह विधेयक किसान, उपभोक्ता और प्रसंस्करण उद्योग के विकास को अवरूद्ध करने वाला है तथा इससे खाद्य वस्तुएँ महँगी होंगी। राँची चेंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी ने विधेयक की बारीकियों से अवगत कराते हुए कहा कि झारखण्ड में कृषि उपज पर कृषि शुल्क देय किए जाने से राज्य में कृषि उपज के उत्पादन, इसके विपणन, संबंधित प्रसंस्करण उद्योग एवं व्यापार में भारी कमी आयेगी जिससे किसानों के उपज की स्थानीय माँग के घटने से उन्हें अपने उत्पाद की कम कीमत प्राप्त होगी। वहीं सरकार को कृषि शुल्क से प्राप्त राशि से कहीं अधिक नुकसान जीएसटी से प्राप्त होने वाले राशि (राजस्व) में कमी के रुप में होगी।
इस गहन चर्चाओं के उपरांत आगंतुकों ने व्यापारियों की बातों को स्वीकार करते हुए यह माना कि झारखण्ड में कृषि शुल्क को प्रभावी करना उचित नहीं है तथा वे इसके लिए राज्य सरकार से वार्ता करेंगे। पूर्व उप महापौर अजयनाथ शाहदेव ने कहा कि यह विधेयक किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस विधेयक की समाप्ति के लिए वे झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।
इस बैठक में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, सह सचिव रोहित पोद्दार, प्रवक्ता ज्योति कुमारी, मनीष साहू, राँची चैंबर की ओर से संजय माहुरी, दीपक पोद्दार, संजय पोद्दार, गणेश अग्रवाल, कृष्णा साबू, अशोक मंगल, जितेंद्र सिंह, दीपक ओझा, मनीष सिन्हा, संजय माधुरी उपस्थित थे।