राँची (खबर आजतक): राजधानी राँची में नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने गहरी नाराज़गी जताई है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “शहर का सौंदर्यीकरण और विकास ज़रूरी है, लेकिन फुटपाथ पर रोज़ी-रोटी कमाने वाले गरीबों का भी कल्याण हो। नगर निगम को दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाना चाहिए।”
श्री नायक ने कहा कि नगर निगम द्वारा सड़कों और फुटपाथों पर ठेला, खोमचा लगाने वाले गरीब दुकानदारों के सामान को जब्त करने और अस्थायी ढांचों को तोड़ने की कार्रवाई से हज़ारों परिवारों की आजीविका संकट में आ गई है। उन्होंने बताया कि कई लोग कर्ज लेकर अपना छोटा व्यवसाय शुरू करते हैं और जब उनके सामान को जब्त या नष्ट किया जाता है, तो वे कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं।
पुनर्वास की व्यवस्था ज़रूरी

श्री नायक ने बताया कि रांची नगर निगम द्वारा इन दुकानदारों के लिए कोई वैकल्पिक स्थान या पुनर्वास योजना नहीं बनाई गई है, जिससे यह वर्ग बेरोजगार होता जा रहा है। बार-बार की कार्रवाई से दुकानदारों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। बच्चों की पढ़ाई, घर की ज़रूरतें और पारिवारिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
अन्य राज्यों से लें प्रेरणा
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली, अहमदाबाद और भोपाल जैसे शहरों में फुटपाथ दुकानदारों के लिए हॉकर्स ज़ोन और नाइट मार्केट बनाए गए हैं। दिल्ली के सरोजिनी नगर और लाजपत नगर, गुजरात के साबरमती रिवरफ्रंट और भोपाल के हॉकर्स कॉर्नर इसका उदाहरण हैं, जहां बिजली, पानी और स्वच्छता जैसी सुविधाएं देकर वेंडरों को पुनर्वासित किया गया है।
तत्काल कदम उठाने की मांग
अंत में श्री नायक ने नगर निगम से तत्काल कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि, “राँची नगर निगम का यह नैतिक और प्रशासनिक कर्तव्य है कि वह शहर को सुंदर और व्यवस्थित बनाने के साथ-साथ मेहनतकश गरीबों की आजीविका की रक्षा भी सुनिश्चित करे। हम उम्मीद करते हैं कि निगम गरीब दुकानदारों के हितों को प्राथमिकता देगा और कोई स्थायी समाधान निकालेगा।”