नितीश मिश्रा, राँची
राँची (खबर_आजतक) : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) राँची महानगर द्वारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) में एक प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी हालिया अधिसूचना को “तुगलकी फरमान” बताते हुए उसकी कड़ी निंदा की गई और तत्काल प्रभाव से इसे निरस्त करने या संशोधन की मांग की गई।

केन्द्रीय कार्यसमिति सदस्य दिशा दित्या ने कहा कि विश्वविद्यालय की अधिसूचना छात्रहित के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि नामांकन जैसे महत्वपूर्ण समय में विशेष परिस्थितियों में छात्रों के साथ एक अभिभावक या सहयोगी को प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इस अधिसूचना को वापस नहीं लिया गया, तो अभाविप छात्रहित में आंदोलन को बाध्य होगी।
प्रदेश मीडिया संयोजक गुड्डू राय ने कहा कि छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासनिक संवाद की स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए। विश्वविद्यालय एक शैक्षणिक और लोकतांत्रिक परिसर है, जहाँ छात्रों को अपनी मांगों को शांतिपूर्ण ढंग से रखने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहा कि शांति पूर्ण प्रदर्शन को अनुशासनहीनता करार देना, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सीधा उल्लंघन है।
ज्ञापन सौंपते हुए प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से अपील की कि वह छात्रों की भावनाओं और अधिकारों का सम्मान करते हुए निर्णय लें, ताकि विश्वविद्यालय का वातावरण शांतिपूर्ण, संवादशील और लोकतांत्रिक बना रहे।