नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): अभाविप राँची महानगर के द्वारा बुधवार को बिरसा मुंडा जयंती सह जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में मधुकम बस्ती में पुष्पांजलि अर्पित कर विचार संगोष्ठी एवं सेवा कार्य का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से अखिल भारतीय जनजातीय कार्य प्रमुख प्रमोद रावत एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश एसएफडी संयोजक गौतम कुमार महतो की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस मौके पर अखिल भारतीय जनजातीय कार्य प्रमुख प्रमोद रावत ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के बारे में हम सब को ज्ञात होना चाहिए। उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा किन परिस्थितियों में अंग्रेजों से लोहा लिया और अपने जल जंगल जमीन को बचाने का कार्य किया। हम सबको भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से सीख लेनी चाहिए और आज के समय में अपने हकों के लिए आवाज उठाना चाहिए खास करके जनजातीय समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए जिससे वैसे जनजाति है जो शिक्षा को अधिक महत्व नहीं देते हैं कोई भी शिक्षा को महत्व दें और अपने हक के बारे में जाने और समाज को आगे बढ़ने का काम करें।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश एसएफडी संयोजक गौतम कुमार महतो ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा जनजातियों के धार्मिक व्यवस्था, संस्कृति, परम्परा, अस्तित्व एवं अस्मिता रक्षक के प्रतीक हैं। भगवान बिरसा मुण्डा ने अपने 25 वर्ष के जीवन काल में ही जमींदारी प्रथा, राजस्व व्यवस्था, इंडियन फारेस्ट एक्ट 1882 और धर्मांतरण के खिलाफ अंग्रेजों एवं ईसाई पादरियों से संघर्ष किया। ये संपूर्ण जनजाति समाज का गौरव है। इनकी जयंती 15 नवम्बर के अवसर पर “जनजाति गौरव दिवस” के रूप में मनाना चाहिए। “जनजाति गौरव दिवस’ मनाना जनजाति समाज का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण सनातन समाज का एकात्मभाव और शक्ति प्रदर्शन होगा।
इस मौके पर आनंद कुमार, अमर सिंह, अभिनव जीत, विद्यानंद राय, सौरभ कुमार, सौरभ जयसवाल, सुजल वर्मा, गौरव जयसवाल उपस्थित थे।