रांची: आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा आईएएस विनय कुमार चौबे की गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी हेमंत सोरेन और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रघुवर दास की भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाली नीतियों को उजागर करती है।

नायक ने आरोप लगाया कि दोनों दल “चोर-चोर मौसेरे भाई” की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं और आईएएस डॉ. प्रदीप कुमार, पूजा सिंघल, छवि रंजन जैसे अधिकारियों की गिरफ्तारी इसका उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि 2022 की उत्पाद नीति के तहत नकली होलोग्राम और अवैध शराब उत्पादन के कारण राज्य को 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सात प्लेसमेंट एजेंसियों को मनमाने तरीके से ठेके दिए गए, और सरकार की चुप्पी गंभीर सवाल खड़े करती है।
विजय शंकर नायक ने यह भी आरोप लगाया कि 2016 से 2019 के बीच उत्पाद विभाग में बिना निविदा के शराब ठेके दिए गए, जिससे 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और रघुवर दास की भाजपा सरकार ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा कि विनय चौबे और गजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी मात्र “आईवाश” है, जिससे बड़ी मछलियों को बचाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्पाद, ग्रामीण विकास, खनन, भवन, पथ, भूमि और स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार के अड्डे