झारखण्ड राँची

आईएचएम राँची में कश्मीर के छह जिलों के 122 युवाओं हेतू “वतन को जाने” के तहत स्वागत कार्यक्रम का आयोजन

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट राँची में नेहरु युवा केंद्र संगठन द्वारा आयोजित कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम 2023 “वतन को जाने” के तहत जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग, कुपवाड़ा, बारामूला, बडगाम, श्रीनगर एवं पुलवामा जिले के कुल 122 युवाओं हेतू “स्वागत कार्यक्रम” का आयोजन संस्थान के ऑडिटोरियम में किया गया। इस मौके पर राजभवन के ओएसडी संजीव राय, नेहरु युवा केंद्र संगठन के उप-निदेशक, एस.पी. सिंह एवं राज्य प्रशासनिक अधिकारी, ओमप्रकाश कुशवाहा तथा गौरव मित्तल, बाई.बी.एन यूनिवर्सिटी से इंजीनियर कौशल किशोर, अंजनी कुमार सिंह तथा आर. एन. बिरंची, डॉ. शमीकेश रॉय एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

इस दौरान कश्मीरी युवाओं के स्वागत कार्यक्रम की शुरुआत झारखंड राज्य की कला संस्कृति की प्रस्तुति देते हुए आदिवासी नृत्य “झूमर”से की गई। साथ हीं नगड़ी के युवाओं द्वारा “पाईका” नृत्य, संहाल ग्रुप द्वारा शास्त्रीय नृत्य तथा कश्मीरी युवाओं द्वारा कश्मीरी नृत्य की प्रस्तुति दी गयी जिसकी सबने काफी प्रशंसा भी की।

आईएचएम राँची के प्राचार्य डॉ. भूपेश कुमार ने सभी कश्मीरी युवाओं तथा उपस्थितगणों का अभिवादन एवं नेहरू युवा केंद्र संगठन राँची के इस सहयोग हेतू आभार व्यक्त करते हुए बताया कि यह हमारे लिए काफी हर्ष की बात है की कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत हमें इन युवाओं से मिलने तथा कश्मीर की संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक परिस्थितियों तथा कश्मीरी व्यंजनों को जानने का मौका मिला है जिससे कश्मीरी युवा भी यहाँ पढ़ाये जा रहे पाठ्यक्रम, झारखण्ड की शिक्षा, स्थानीय व्यंजनों, कला-संस्कृति सम्बंधित जानकारियों से अवगत हो पाएँगे साथ हीं बताया कि कश्मीर की तरह झारखण्ड में भी अनेकों दार्शनिक पर्यटन स्थल हैं जो कश्मीरी युवाओं का काफी लुभाएँगे।

इस कार्यक्रम के दौरान संस्थान के वरिष्ठ व्याख्याता रवि कुमार द्वारा युवाओं को कश्मीरी व्यंजनों की ब्रांडिंग और प्रचार-प्रसार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी क्षेत्र के पर्यटन और आर्थिक विकास में व्यंजन किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तथा क्षेत्रीय व्यंजनों के प्रचार और ब्रांडिंग के लिए रणनीति के साथ साथ अन्य भारतीय राज्यों के सफल मॉडलों पर केस स्टडी की प्रस्तुति दी जिससे कश्मीरी युवाओं का पर्यटन विकास और पाक अन्वेषण के माध्यम से आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन सहित सतत विकास हो सके एवं विनीत सिन्हा, व्याख्याता द्वारा संस्थान में पढ़ाये जा रहे त्रिवर्षीय बी.एससी इन एच एंड एचए पाठ्यक्रम के साथ लघु पाठ्यक्रम के पूरे करने के बाद आतिथ्य एवम सेवा क्षेत्रों में ज्ञान अर्जित करने के साथ साथ देश- विदेश में रोजगार प्राप्त करने जैसे जानकारियों को साझा किया गया तथा कश्मीरी युवाओं को संस्थान में पढ़ाए जा रहे संबंधित पाठ्यक्रम के सभी विभागों के साथ साथ छात्रों के आवासीय परिसर का भी शैक्षणिक भ्रमण कराया गया तथा संस्थान के छात्रों एवं कश्मीरी युवाओं को अपने कला-संस्कृति, खान-पान एवम रहन-सहन के तौर तरीकों की जानकारी परस्पर साझा किया।

इसके उपरांत संस्थान के प्रशिक्षण पाकशाला में आईएचएम राँची के शेफ रजनीश कुमार सिंह के नेतृत्व में कश्मीरी युवाओं को झारखंड की पारंपरिक व्यंजनों जैसे की चावल की चाय, धुस्का, आलू चने की सब्जी, डुबकी, डूम्बु इत्यादि व्यंजनों की पकाने के विधि के गुण सिखाए गए।

इस मौके पर कश्मीरी युवाओं द्वारा भी मशहूर कश्मीरी व्यंजनों जैसे कहवा, रिश्ता, य़खनी, कश्मीरी पुलाव तथा रोगनजोश बनाई गई।

इस मौके पर संस्थान के प्राचार्य, शिक्षक, कर्मी एवं सभी छात्र उपस्थित थे।

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