झारखण्ड राँची

आईएचएम राँची में हुआ वर्ल्ड स्किल प्रतियोगिता के अंतर्गत झारखण्ड कौशल प्रतियोगिता 2024 का आगाज

झारखण्ड के प्रतिभागी राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचे और विश्व स्तर तक देश का प्रतिनिधित्व करें: पी के मडावी

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): आईएचएम राँची में वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता 2024 के अंतर्गत झारखण्ड राज्य स्किल प्रतियोगिता 2024 का उद्घाटन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रुप में क्षेत्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता निदेशालय, भारत सरकार के उप निदेशक पी. के. मडावी, विशिष्ट अतिथि के रुप में यूएनडीपी के राज्य परियोजना प्रबंधक राजीव खरे एवं आईएचएम राँची के प्राचार्य डॉ. भूपेश कुमार, झारखण्ड स्किल डेवलपमेंट मिशन सोसाईटी के विनय कुमार, राजन श्रीवास्तव, एनएसडीसी के वैभव अग्रवाल एवं राहुल गिरि, राज हॉस्पिटल एवं प्रेमसंस मोटर्स के प्रतिनिधि तथा यूएनडीपी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इस प्रतियोगिता का उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथिगन्नों द्वारा दीपप्रजवलन से किया गया। तत्पश्चात आईएचएम राँची के छात्रों द्वारा गणेश वंदना तथा झारखंड राज्य की कला-संस्कृति को दर्शाते हुए जंनजातीय नृत्य की प्रस्तुति दी गई जिसकी सबने काफी प्रशंसा की।

इस दौरान मुख्य अतिथि पी. के. मडावी ने अपने अभिभाषण में कहा कि “किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए चार बातें महत्वपूर्ण होती हैं, कौशल, ज्ञान, मेहनत और विचारधारा। मैं चाहता हूँ कि हमारे झारखण्ड के प्रतिभागी राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचे और विश्व स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करें। मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं।”

वहीं राजीव खरे ने आईएचएम राँची को इस प्रतियोगिता का साफल आयोजन करने के लिए बधाई दी तथा सभी प्रतिभागियों को भाग लेने हेतु शुभकामनाएं भी दी। साथ ही उन्होंने झारखंड कौशल प्रतियोगिता 2023-2024 से संबंधित प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला।

आईएचएम राँची के प्राचार्य डॉ. भूपेश कुमार ने जोहार के साथ सभी का अभिवादन किया एवं इस प्रतियोगिता के महत्व समझने तथा झारखण्ड राज्य के लोगों को प्रतियोगिता से अवगत करने हेतू झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसायटी का अभिवादन किया। साथ हीं “हुनर है तो कदर है” पर जोर देते हुए बताया की ये प्रेरक प्रतियोगिता है जिससे प्रतिभागियों के हुनर का पता चलता है। किसी भी कार्य को सफल बनाने में प्रतिभा अहम भूमिका निभाता है। साथ ही बताया कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों को अपने प्रतिभा को सभी के समक्ष प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा तथा छात्रों को अपना बेहतर देने का निर्देश दिया। साथ ही अपने संबोधन में प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि “प्रतियोगिता का विजेता कोई एक ही चुना जाएगा, लेकिन मेरे लिए हर वो प्रतिभागी विजेता है, जिसने पूरी ईमानदारी और मेहनत से प्रतियोगिता में भाग लिया। मेरे लिए हर फाइटर विनर है।

विनय कुमार ने कौशल मंत्रालय, आईएचएम राँची तथा एनएसडीसी का इस कार्यक्रम की शुरुआत करने हेतू काफी प्रशंसा की तथा बताया की झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसायटी पिछले चार वर्षों से वर्ल्ड स्किल प्रतियोगिता पर कार्य कर रहा है। इससे पहले भी राष्ट्रिय तथा अंतराष्ट्रीय स्तर पर छात्र अपनी प्रतिभा से बड़े मुकाम हासिल कर चुके हैं। साथ ही बताया कि झारखण्ड में स्किल की कमी नहीं है, झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसायटी तथा मानव विकास सूचकांक इससे आगे ले जाएगी। इस प्रतियोगिता के बाद स्कूल स्तर से यह प्रेतयोगिता आयोजित की जाएगी।

राजन श्रीवास्तव ने बताया कि झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसायटी द्वारा विगत वर्षों में करीब डेढ़ लाख छात्रों को प्रशिक्षित किया है।

वैभव अग्रवाल ने बताया कि यह प्रतियोगिता ओलंपिक्स से कम नहीं है बल्कि उससे ऊपर स्तर पर इसका आयोजन किया जा रहा है। जिस भी छात्र के हाथ में हुनर है वो इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है तथा अपने हुनर को और निखार कर अपने साथ साथ राज्य का भी नाम रौशन कर सकता है।

इस कार्यक्रम का समापन यूएनडीपी की परियोजना सहायक रिद्धिमा सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।

यह पहली बार है कि हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में इस लेवल की प्रतियोगिता का आयोजन पहली बार हो रहा है। यह वर्ल्ड स्किल्स प्रतोयोगिता का 47 वा संस्करण है परन्तु झारखण्ड में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में ये पहली बार आयोजन हो रहा है, इस आयोजन के संजीव कुमार बेसरा का अथक प्रयासों का नतीजा है। इस प्रतियोगिता से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कौशल की जागरूता बढ़ेगी और इस का दूरगामी सकारात्मक प्रभाव पर्यटन क्षेत्र के बढ़ावा देना में योगदान देगा।

झारखण्ड कौशल प्रतियोगिता 2024 के तहत राज्य स्तर पर विजेता प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया स्किल्स में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जहाँ देश के अलग अलग राज्यों के विजेता प्रतिभागी शामिल होंगे। इंडिया स्किल्स के विजेता प्रतिभागी को इस साल फ्रांस में होने वाले विश्व स्तरीय ‘वल्र्ड स्किल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।

इस प्रतियोगिता के उद्घाटन के उपरान्त 11 मार्च से 13 मार्च तक विभिन कौशलों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण आईएचएम रांची, झारखण्ड टूल रूम, आईटीआई, राज अस्पताल, साई ब्यूटी एवं प्रेमसंस मोटर्स में होगा जिसमें सम्पूर्ण झारखण्ड से कुल 900 प्रभागियों में से चयनित 250 प्रतिभागी को बेकरी, कुकिंग, होटल रिसेप्शन, कन्फेक्शनरी, रेस्टोरेंट सर्विस, मिलिंग, वेल्डिंग, टर्निंग, एम्-कैड, इलेक्ट्रिकल इंस्टालेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेचट्रॉनिक्स, हेल्थ सर्विसेज, ब्यूटी थेरेपी एवं कार पेंटिंग जैसे कौशल पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस प्रशिक्षण के उपरान्त 14 एवं 15 मार्च को प्रतियोगिता का मूल्यांकन एवं निर्णय होगा। 15 मार्च को ही हर एक कौशल से शीर्ष प्रतिभागी नेशनल लेवल प्रतियोगिता के लिए भेजे जाएँगे। नेशनल लेवल के प्रतियोगिता के पश्चात हर एक कौशल से एक प्रतिभागी भारत देश का प्रतिनिधित्व वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता में करेंगे।

इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतियोगिता के कैलेंडर वर्ष में प्रतियोगियों की आयु 23 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

वर्ल्ड स्किल्स का फाइनल प्रतियोगिता फ्रांस के ल्योन प्रान्त में 15 सितम्बर 2024 में होगा। इस प्रतियोगिता में कुल 65 से अधिक देशों और क्षेत्रों के 1,500 प्रतियोगी 59 व्यवसायों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए ल्योन में मिलेंगे। चाहे फ्लोरल आर्ट हो या 3डी डिजिटल गेम आर्ट, वेल्डिंग, ऑटोनॉमस मोबाइल रोबोटिक्स या यहाँ तक कि वेब टेक्नोलॉजीज या टाइलिंग में, वर्ल्डस्किल्स ल्योन 2024 प्रतियोगिता युवा प्रतियोगियों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने और सैकड़ों हजारों आगंतुकों के साथ अपने जुनून को साझा करने का अवसर मिलेगा।

इस प्रतियोगिता का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर वर्ल्डस्किल्स इंटरनेशनल के उद्देश्यों और मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए एक वास्तविक स्प्रिंगबोर्ड बनना है जो उत्कृष्टता, समर्पण, निष्पक्षता और समानता जैसे संगठन के मूलभूत मूल्यों को उजागर करने के लिए एक प्रदर्शन है।

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