नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): केंद्रीय सरना समिति के प्रतिनिधिमंडल सोमवार को केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की के नेतृत्व में सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत ईचागढ़ प्रखंड ग्राम कुईडीह का दौरा किया जिसमें आदिवासी समन्वय समिति के द्वारा आयोजित सरहुल मिलन समारोह में भाग लिया जिसमें रोलाडीह लेपाटाँड़ आमटाँड़ जाता ढाकाडीह बुंडू तमाड़ आदि गाँव के लोग पारंपारिक वेशभूषा एवं ढोल नगाड़ा मांदर के साथ शामिल हुए। केंद्रीय सरना समिति के प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने फीता काटकर किया। इसके बाद विभिन्न गाँव से आए खोड़हा मंडली नृत्य संगीत कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी।
इस मौके पर केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि चैत महीने में आदिवासी पूरे महीने सरहुल का उत्सव मनाते हैं, लोग अपनी परंपरा संस्कृति के प्रति जागरुक हो रहे हैं। इस क्षेत्र में आदिवासी अपनी परंपरा संस्कृति से अनभिज्ञ थे परन्तु केंद्रीय सरना समिति की पहल पर लोग जागरुक हो रहे हैं। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव विमल कच्छप ने कहा कि आदिवासी प्रकृति पूजक जो रुढ़िवादी परंपरा संस्कृति को मानते हैं। आदिवासियों को जब तक सरना कोड नहीं मिल जाता तब तक सरना कोड की लड़ाई जारी रहेगी।
इस मौके पर ईचागढ़ प्रखण्ड के प्रमुख गुरु पदों मरांडी, आदिवासी समन्वय समिति के अध्यक्ष लालसिंह बाबू, विकास परिषद के महासचिव विमल कच्छप, कुड़ुख विकास परिषद के महासचिव सुधीर चंद्र उराँव, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के बाना मुंडा, केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, दीपक जायसवाल, आदिवासी समन्वय समिति के कोषाध्यक्ष दुबराज महली, समाजसेवी राजेंद्र सिंह मुंडा, मोतीलाल सिंह मुंडा, राम चरण सिंह मुंडा, बिगन सिंह मुंडा आदि उपस्थित थे।