राँची (खबर आजतक) : आरएसएस की एकाई वनवासी कल्याण आश्रम के प्रमोद पेठकर के द्वारा दिया गया बयान सरासर आदिवासी समाज को जबरदस्ती हिन्दु बनाने का षडयंत्रकारी चाल है एवं उनका बयान संविधान विरोधी है।
उपरोक्त बातें आज आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आरएसएस की एकाई वनवासी कल्याण आश्रम के प्रमोद पेठकर के उक्त बयान कि देश में सभी जनजातियां हिंदू हैं की प्रतिक्रिया में आज उक्त बातें कही । इन्होंने यह भी कहा कि सभी आदिवासी समाज न अतीत में हिंदू थे न वे वर्तमान मे हिन्दू है और न वे भविष्य में हिंदू रहेंगे वे तो प्रकृतिक पूजक थे और रहेंगे और उनकी प्रथाए,परम्परा,उनकी संस्कृति रिती रिवाज, और पुजा पदति हिन्दुओं और देश के अन्य सभी धर्मो से अलग रही है ।
श्री नायक ने साफ शब्दो मे कहा कि यही मनुवादी मानसिकता के कारण आज सरना धर्म कोड देश के आदिवासी समाज को नही दिया जा रहा है । जनगणना के काॅलम मे जो सभी धर्मो के अलावे अन्य का भी काॅलम दिया गया था उसको भी आरएसएस के इशारो पर भाजपा की केन्द्र सरकार ने हटा दिया एक षडयंत्र के तहत। क्योंकि आदिवासी समाज जनगणना के धर्म वाले काॅलम मे अन्य धर्म लिखते थे जिसे साजिश कर हटा दिया गया और जबरदस्ती इन्हे हिन्दु धर्म वाले काॅलम गिनती कर दिया गया और जबरदस्ती इन्हे धर्मान्तरण कराने की कोशिश आरएसएस और भाजपाई लोग कर रहे है जो संविधान के खिलाफ है ।
श्री नायक ने वनवासी कल्याण आश्रम के प्रमोद पेठकर के बयान की कडे शब्दो मे निन्दा करते हुए कहा कि वे आदिवासी समाज के धर्म के बारे अनाप सनाप बोलना बंद करे और अपने दिये गये बयानो को वापस ले नही तो इसके गंभीर परिणाम उनको भुगतने होगे जिसकी जिम्मेवारी उन पर होगी । इन्होने पुनः भाजपा के केंद्रीय सरकार के प्रधान मन्त्री नरेंद्र मोदी से मांग किया कि वे किन्तु परन्तु ना करते हुए अविलंब सरना धर्म बिल कोड शीतकालीन सत्र मे दोनो सदनो से पारित कर आदिवासी समाज के वर्षो से जो मांग रही है उन मांगो को पुरा करे नही तो आदिवासी समाज भाजपा से दूरी बनाकर उसको कभी वोट नही देने का कार्य करेगी।