झारखण्ड राँची शिक्षा

आरयू में शिक्षक दिवस पर मनाया गया गुरु वंदन पर्व

गुरु की गोद में ही सृजन और विध्‍वंस दोनों खेलते हैं: डॉ अजीत सिन्हा

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): मोराबादी का आर्यभट्ट सभागार शिक्षक दिवस मंगलवार को आरयू में गुरु वंदन पर्व मनाया गया। गुरुओं के सम्मान में आयोजित गुरुवंदन पर्व में राँची विश्वविद्यालय को ऊँचाइयों तक पहुँचाने वाले पूर्व गुरुओं को कुलपति आरयू प्रो. डॉ.अजीत कुमार सिन्हा ने आभार जताते हुए स्‍वयं सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृत विभाग की डॉ. मधुलिका के गणेश वंदना से किया गया। पीएफए विभाग आरयू के कलाकारों ने कुलगीत की प्रस्तुति दी। उसके बाद कुलपति तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों ने डॉ.एस. राधाकृष्णन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर द्वीप प्रज्जवलित किया।

कुलपति आरयू डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने अपने स्‍वागत भाषण में सबों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी और डॉ. एस राधाकृष्णन की जीवनी के बारे में बताते हुए कहा कि वैसे तो हमारी सबसे पहली गुरु माँ होती है उसके बाद हमारे जीवन को संवारने का काम गुरू करते हैं। उन्‍होंने कहा कि गुरु वह सड़क हैं जो स्वयं वहीं रहते हैं पर सबों को मंजिल तक पहुँचाते हैं। उन्‍होंने क‍हा कि शिक्षकों के गोद में ही निर्माण और विध्वंस दोनों खेलते हैं। उन्होंने सभागार में आये सभी गुरुओं का आभार जताया और कहा कि आज के छात्रों की आवश्यकता अलग है, झारखंड के दूर दराज से आये छात्रों के सामने बहुत सारी चुनौतियाँ हैं। आज हम शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गयी है, हमारी जिम्मेदारी छात्रों की पढ़ाई खत्म होने से समाप्त नहीं हो जाती। हमें गुरुकुल शिक्षा पद्धति को विकसित करना है। आज के छात्र ही कल सभी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालेंगे। हमारा कर्तव्य बनता है कि भविष्य के इन जिम्मेदार छात्रों को संवारें।

इस अवसर पर विशिष्‍ट अतिथियों में डॉ.रमेश पांडेय ने (पूर्व कुलपति आरयू)
प्रो. डॉ. के.के. नाग (पूर्व कुलपति आरयू), डॉ.रमेश शरण (पूर्व प्राध्यापक आरयू एवं पूर्व कुलपति विनोवा भावे) डॉ.के.सी. प्रसाद, डॉ.जी.डी. मिश्र, डॉ.ए. ए .खान (पूर्व कुलपति आरयू) प्रो.अंजनी कुमार श्रीवास्तव, प्रो.फिरोज अहमद, प्रो.एस.पी. सिंह, प्रो.एस.एन.सिंह
प्रो.तपन कुमार शांडिल्य, प्रो. टी.एन.साहू को कुलपति आरयू ने पुष्‍पगुच्‍छ और अंगवस्त्र प्रदानकर सम्‍मानित किया।

इस दौरान सबसे वरिष्ठ गुरु हिंदी की प्राध्यापक रही डॉ. शारदा श्रीवास्तव को भी आमंत्रित किया गया था, पर वह आ नहीं पायी, उन्होंने इस गुरुवंदन पर्व में अपनी शुभकामना संदेश भेजकर आभार जताया।

इस दौरान अपने संबोधन में पूर्व कुलपति आरयू डॉ.के.के. नाग ने कहा कि दुनिया के हर आदमी में साक्षात ब्रह्म है, उस प्रतिभा को निखारना ही शिक्षा है और गुरु ही यह निखारने का काम करता है।

वहीं पूर्व कुलपति आरयू डॉ. ए. ए.खान ने सबों को शुभकामनाएँ दी और कहा कि हमारे लोकतंत्र के चारों स्तंभ हमारी शिक्षा के धरातल पर ही टिके हैं। इस शिक्षा के मजबूत धरातल को हमारे गुरु ही निर्मित करते हैं।
पूर्व कुलपति आरयू डॉ. रमेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि गुरु सबों का हित चाहता है और यही उसकी अवधारणा है। वह अंधकार को दूर करता है। उन्होंने कुलपति आरयू के प्रयासों की सराहना की।

डॉ. रमेश शरण ने कहा कि गुरुओं को तो देखकर भी प्रेरणा और उत्साह का संचार होता है। गुरुओं का सबसे बड़ा सम्मान है कि उसके शिष्य उससे आगे जायें, हमें हमारे पद नहीं बल्कि हमारे गुरुत्व से याद किया जाता है यही एक गुरु का सम्मान है। डॉ.अंजनी श्रीवास्तव ने कुलपति आरयू डॉ. अजीत कुमार सिन्हा का पूर्व गुरुओं को याद करने और सम्मान देने के लिये धन्यवाद दिया।डॉ. के. सी. प्रसाद ने शिक्षकों को भी अनवरत स्वयं के अपडेट रहने की बात कही।

इस कार्यक्रम में पीएफए विभाग के नृत्य की छात्राओं ने गुरुओं के सम्मान में मोहक श्रद्धा नृत्य प्रस्तुत किया और गायक कलाकारों ने गुरुवंदना गीत की प्रस्तुति दी।
इस दौरान मंच संचालन करते हुये डिप्टी डायरेक्टर सीवीएस डॉ.स्मृति सिंह ने डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया और सभागार में सबों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ दी।

इस अवसर पर कुलसचिव आरयू डॉ. मुकुंद मेहता ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस दौरान परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष कुमार झा, सीसीडीसी डॉ. पीके झा, डीएसडब्‍लयू डॉ. सुदेश साहु, एफओ डॉ. एलकेएएन शाहदेव, एफओ डॉ. गोस्‍वामी सहित रांची विश्‍वविद्यालय के अन्‍य वरीय पदाधिकारियों सहित विभिन्‍न विभागों के हेड, डीन एवं प्राध्‍यापक उपस्थित थे।

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