झारखण्ड बोकारो शिक्षा

एनईपी 2020 की कार्यशाला में जुटी अभिभावकों के भारी भीड़

डिजिटल डेस्क

बोकारो (खबर आजतक): चिन्मय विद्यालय बोकारो में अभिभावकों के एन.ई.पी 2020 की विशेषताएं एवं उसके क्रियान्वयन के तरीके की जानकारी हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें भाड़ी संख्या में अभिभावकों ने भाग लिया उन्हें इस बात की जानकारी दी गयी कि कैसे एन.ई.पी 2020 शिक्षा के क्षेत्र में अमूल-चुल परिवर्तन लाने वाले हैं और आने वाले वर्षों में छात्र एक सफल जीवन जीते हुए भारत के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं। इस कार्यशाला के मुख्य स्रोत थे श्री सूरज शर्मा, प्राचार्य चिन्मय विद्यालय बोकारो।

चिन्मय परंपरा का अनुशरण करते हुए दीप प्रज्ज्वलन के बाद कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। उन्होंने सर्वप्रथम सभी अभिभावकों को नववर्ष की शुभकामनाएं दी । उन्होंने कहा कि एन.ई.पी 2020 का सफल क्रियान्वयन समृद्ध भारत की गारंटी देता है जिसमें आने वाले सभी नागरिक एवं स्वस्थ जीवन जीकर , स्वस्थ समाज एवं स्वस्थ व सकृष्ट राष्ट्र का निर्माण करेंगे। उन्होंने कोविड-2020 का उदाहरण देते हुए कहा कि इन दो वर्षों में लोग घरों में कैद रहे जिनमें लाइफ स्किल का कोई गुण विकसित नहीं था, उन्हंे यह समय बिताने में काफी कठिनाई हुई, लेकिन एन.ई.पी 2020 छात्रों में 21वीं शताब्दी के आवश्यकतानुसार सभी कौशल एवं गुणों को विकसित करेगा । जिससे आनेवाले सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हांे । परंतु छात्रों का समग्र संतुलित विकास हो इसके लिए एन.ई.पी 2020 क्या है इसकी जानकारी होना आपके लिए आवश्यक है और आपका शत-प्रतिशत सहयोग अपेक्षित है, हर स्तर पर आपकी सक्रिय भागीदारी आवश्यक है ।

आप सबसे सर्वोपरि अपेक्षा यह है कि प्रतिदिन एक घंटा समय अपने बच्चों के साथ बिताएॅ। उनसे बात करें , उनकी समस्याओं में सकारात्मक सहयोग दें। उनकी अभिरुचि को जाने और उन्हें अपने अभिरुचि के अनुसार कैरियर बनाने में सहयोग दें। केवल डॉक्टर या इंजीनियर बनना ही सफलता की निशानी नहीं है हर एक कार्य बराबरी के स्तर पर सम्मानित है जिन मुख्य विंदुओ पर उन्होंने चर्चा की वे इस प्रकार हैं

5+3+3+4 का पैटर्न जिसमें प्री प्राइमरी से लेकर कक्षा दो तक का स्तर सम्मिलित होगा यह पॉच वर्षं का होगा इसके बाद 3 वर्ष कक्षा 3,4 एवं 5 का, अगला 3 वर्ष कक्षा 6,7,8 एवं अगला 4 वर्ष कक्षा 9वॉ 10वॉ 11वॉ एवं 12 का होगा वर्ष 3 से 18 वर्ष तक यह पूरी प्रणाली क्रियान्वित होगा ।

1.कौशल्य आधारित परीक्षा होगी।

2.इस योजना में दिन-प्रतिदिन की योजना बनाकर अध्ययन कार्य किया जाएगा सभी बच्चों में सामुदायिक सेवा संस्कृति के प्रति, स्वास्थ्य के प्रति, खेल कुद ,नृत्य संगीत ,कला,

संस्कृति के प्रति अभिरुचि उत्पन्न करना एवं उन्हें विकसित करना है।

3.बच्चे अब रट कर परीक्षा पास नहीं करेंगे उनमें कॉन्सेप्ट विकसित किया जाएगा कॉन्सेप्ट की समक्ष पर ही उनके ज्ञान का मूल्यांकन किया जाएगा 10 दिन की पढ़ाई बैगलेस होगी। बच्चे जो पढ़ेंगे उसका व्यावहारिक उपयोग प्रयोगशालाओं में करेंगे और उसकी समझ का मूल्यांकन होगा

4.कॉपीटेंसी बेस्ड टीचिंग लर्निंग और असेसमेंट होगा।

5.प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का क्रियान्नवयन, चिन्मय विद्यालय बोकारो में डाटा साइंस , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस , रोबोटिक एवं कोडिंग कोर्स की शुरुआत की गई है और इसके लिए बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक विखेर रहे हैं। बच्चों में निहित विशेष क्षमताओं एवं गुणो की पहचान कर उन्हें विकसित करना है।

6.21वीं शदी को मांग के अनुसार उन सारे स्किल को विकसित करना है ताकि बच्चे 12वीं पूरा करते-करते समय के अनुरूप विकसित हो सके । आत्मनिर्भर बन जाए इस प्रकार के कई मुख्य बिंदुओं को उन्होंने उल्लेख किया और कहा कि कई सारे सुझाव चिन्मय विद्यालय बोकारो अपने शिक्षण व्यवस्था में लागू कर चुका है जैसे खेलो इंडिया , रन फॉर यूनिटी , क्रिटिकल थिंकिंग, किस्सा गोई, मैथमेटिक्स ओलंपियाड, साइंस प्रर्दशनी, टेक्निकल ऑप्लिकेशन का उपयोग कर ड्रोन या रोबोट आदि का निर्माण कर सके । इन सभी क्षेत्रों में विद्यालय के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर सफल

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