नितीश मिश्रा
राँची (ख़बर आजतक) : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य की अध्यक्षता में बुधवार को नई दिल्ली स्थित एनएचएआई मुख्यालय में बैठक आयोजित की गई। इस दौरान आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने झारखंड राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए।

उन्होंने बताया कि गुमला-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-43) से जुड़े कई गांवों — बेड़ो, जरिया टोली, सिघवा टोली, पीपर टोली और नहर टोली — के ग्रामीणों ने अंडरपास और कट की सुविधा नहीं होने से हो रही दिक्कतों की शिकायत की थी। इस पर एनएचएआई अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि एक माह के भीतर इन क्षेत्रों में अंडरपास और कट की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
बैठक में रांची-जमशेदपुर, रांची-डालटनगंज, रांची-हजारीबाग राष्ट्रीय राजमार्ग और धनबाद के समीप जीटी रोड की मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए गए। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत गोला-राजरप्पा मार्ग पर अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे को लेकर भी चर्चा हुई। डॉ. लकड़ा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 2.92 करोड़ रुपये राज्य को दिए जा चुके हैं, लेकिन शेष 1.92 करोड़ रुपये के बावजूद प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिला है।
एनएचएआई को राज्य सरकार से समन्वय कर मुआवजा भुगतान सुनिश्चित करने और परियोजना की मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए। साथ ही, राष्ट्रीय राजमार्गों के डिवाइडर पर कनैल के पौधे लगाने पर रोक लगाते हुए
