राँची(नितीश मिश्र): एसबीयू द्वारा इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप पर पाँच दिवसीय फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ हुआ। 29 मार्च तक चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन एसबीयू के फैकल्टी ऑफ कॉमर्स द्वारा विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि निदेशक, एमएसएमई-डीएफओ प्रमुख इंद्रजीत यादव ने आंत्रप्रेन्योरशिप के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इसे आज के दौर का सबसे अहम और बहुमुखी विकल्प करार दिया। उन्होंने पाठ्यक्रम में कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण को जोड़े जाने की आवश्यकता बताई।
इस अवसर पर रश्मि ग्रुप, कोलकाता के झारखण्ड प्रमुख, कॉरपोरेट अफेयर्स राजीव कुमार गुप्ता ने चार ‘सी’–करेज, कॉन्फिडेंस, कंसिस्टेंसी और कम आउट फ्रॉम कंफर्ट जोन के महत्व के बारे बताया। डेली फूड्स प्रा. लि. के निदेशक एवं सह संस्थापक मनीष पीयूष ने व्यवसाय और आंत्रप्रेन्योरशिप पर उपस्थित श्रोताओं के समक्ष अपना मंतव्य रखा। स्टार्ट अप में दृढ़ संकल्प की आवश्यकता की बात उन्होंने कही।
इस कार्यक्रम में आदित्य बाई- इनोवेशन प्रा. लि. के निदेशक पार्थो प्रतिम चटर्जी ने क्वालिटी एजुकेशन में एफडीपी के महत्व पर प्रकाश डाला और आसन्न अवसरों के लिए इसकी आवश्यकता की जरूरत बताई।आईआईएमएस, कोलकाता के प्राचार्य सुदीप्तो भट्टाचार्य ने मानवीय मूल्यों और युवाओं की रचनात्मकता से संबंधित बातें की। उन्होंने किसी भी कार्य में समय की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। मार्केट से संबंधित समस्याओं और इसके निराकरण पर भी उन्होंने विस्तार से चर्चा की।
इस कार्यक्रम में एसबीयू के महानिदेशक प्रो गोपाल पाठक ने पीडीपी को फैकल्टी के ज्ञानार्जन और परिमार्जन के लिए आवश्यक बताया। प्रसिद्ध उद्योगपति जीडी बिरला का उदाहरण देते हुए उन्होंने किसी भी समस्या के समाधान में उनके द्वारा किए गए प्रयासों को आत्मसात करने का आह्वान किया। इस कड़ी में उन्होंने बिल गेट्स, स्टीव जॉब्स जैसे प्रसिद्ध उद्योगपतियों का भी उदाहरण प्रस्तुत किया।
कुलपति प्रो सी जगनाथन ने नवाचार पर बोलते हुए किसी समस्या के समाधान की दिशा में पुरजोर तरीके से जुट जाने पर जोर दिया। पेटेंट के मामले में देश के स्थान और एफडीपी उद्देश्य पर भी उन्होंने अपने संबोधन पर प्रकाश डाला।