झारखण्ड धार्मिक बोकारो

कठिनाइयों को दूर करने की जो प्रेरणा, जो शक्ति, जो सामर्थ्य है वह स्वर्वेद के स्वर से एक साधक को अवश्य ही प्राप्त होता है : संत प्रवर

बोकारो (ख़बर आजतक) : स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज कन्याकुमारी से कश्मीर तक राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा के निमित्त सेक्टर 1 हंस पैलेस पहुंचे। मंगलदीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके बाद स्वर्वेद कथामृत का प्रारंभ हुआ।इन्होंने कहा कि हमारा अज्ञान ही हमारे दु:खों का कारण है। कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं। अच्छाइयां – बुराइयां सबके भीतर हैं। हमें दुर्बलताओं, कठिनाइयों से घबराना नहीं है। उन कठिनाइयों को दूर करने की जो प्रेरणा, जो शक्ति, जो सामर्थ्य है वह अध्यात्म के आलोक से, स्वर्वेद के स्वर से एक साधक को अवश्य ही प्राप्त होता है। क्योंकि हमारे भीतर अंतरात्मा रूप से परमात्मा ही तो स्थित है।

महाराज जी ने कहा कि सत्य पर पूर्ण विश्वास ही श्रद्धा है। जो श्रद्धावान है वही ज्ञान की प्राप्ति कर शांति का अनुभव करता है। धर्म , अर्थ, काम और मोक्ष की चतुःसूत्री ही भारतीय संस्कृति का आधार है। जिसकी सिद्धि मानव जीवन का परम उद्देश्य है। धर्मपूर्वक ही अर्थ और काम की प्राप्ति श्रेयष्कर है। अर्थ और काम की प्रासंगिकता और प्रयोजन मर्यादित है। मुख्य पुरुषार्थ तो मोक्ष है। किन्तु उसका आरम्भ भी धर्म से ही होता है।

श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि विहंगम योग के प्रणेता अमर हिमालय योग अनन्त श्री सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज ने अपनी गहन साधना द्वारा ईश्वर से योग की प्राप्ति की एवं इस अतिदुर्लभ विज्ञान को स्वर्वेद नामक अद्वितीय आध्यात्मिक सद्ग्रंथ द्वारा जनमानस को सुलभ कर दिया। स्वर्वेद हमारी आध्यात्मिक यात्रा को सदैव जागृत रखता है।

उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया। कहा कि यह साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है।

इनके दिव्यवाणी जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग 2 घंटे तक प्रवाहित हुई । स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।

आयोजकों ने जानकारी देते हुए कहा कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारोह महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज 7 जुलाई को संकल्प यात्रा का शुभारंभ कन्याकुमारी की धरती से हो चुका है। संकल्प यात्रा के प्रथम चरण में दक्षिण भारत के सभी राज्यों के विभिन्न शहरों के पश्चात छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, बिहार के बाद झारखण्ड के गढ़वा, डालटनगंज, लातेहार, गुमला, रांची, जमशेदपुर के बाद बोकारो में पहुँच चुकी है।

आगामी 6 एवं 7 दिसंबर 2025 को विशालतम ध्यान-साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। उसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से सुखनन्दन सिंह सदय, उदय प्रताप सिंह, राधाकृष्ण सिन्हा, सुरेन्द्र सिंह, कमलेश श्रीवास्तव, सोनू मिश्रा, आदित्य महथा, आर के पाण्डेय, रविकांत पाण्डेय, संतोष सिंह, अखिलेश महतो, संतोष सिंह, अरुण केशरी, संजय केशरी व अन्य लोग उपस्थित रहे।

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