खबर आजतक डेस्क
नई दिल्ली/कश्मीर: हाल ही में कश्मीर घाटी में हुई हिंसक घटनाओं ने पर्यटन उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे होटल, वाहन, टूर गाइड और घोड़ा-खच्चर व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों की आजीविका संकट में पड़ गई है। अमेरिका और यूरोप जैसे देशों ने अपने नागरिकों को घाटी की यात्रा से परहेज करने की सलाह दी है, जबकि देशी पर्यटक भी उत्तराखंड, हिमाचल और नेपाल की ओर रुख कर रहे हैं।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूजी सुशील कुमार सरावगी जिंदल ने कहा कि आतंकवाद और मजहबी कट्टरता ने घाटी की शांति और विकास को बाधित किया है। उन्होंने कहा कि रोजगार और समृद्धि के लिए घाटी की मुस्लिम आबादी को आतंकवाद से दूरी बनानी होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 हटाए जाने के बाद घाटी में विकास की नई संभावनाएं पैदा हुई थीं, लेकिन हाल की हिंसक घटनाओं ने फिर से हालात बिगाड़ दिए हैं। राष्ट्रीय महामंत्री राहुल गोयल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह जानकारी दी।