कसमार झारखण्ड बोकारो

कसमार: बच्चों की ट्रैफिकिंग के खिलाफ जनजागरूकता कार्यक्रम।

कसमार (ख़बर आजतक): कसमार प्रखंड के मंजूरा स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय में सहयोगिनी संस्था द्वारा ट्रैफिकिंग के खिलाफ जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान लोगों को ट्रैफिकिंग के खिलाफ शपथ भी दिलाई गई।

सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने बताया कि गर्ल्स चाइल्ड ट्रैफिकिंग के खिलाफ सेव विलेज प्रोग्राम के तहत स्कूलों तथा गांवो में यह अभियान चलाया रहा है। इन सतत प्रयासों का उद्देश्य बच्चों की ट्रैफिकिंग और बाल श्रम के खिलाफ लोगों में जागरूकता के स्तर को बढ़ाना और इसकी बुराइयों से अवगत कराना है। यद्यपि पिछले एक दशक में देश में केंद्र और राज्य सरकारों ने बच्चों की ट्रैफिकिंग पर काबू पाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं लेकिन आम लोगों में जागरूकता की कमी के कारण ये प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं।

कार्यक्रम के दौरान सहयोगिनी के समन्वयक रवि कुमार राय ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों सहित झारखंड में बच्चों की ट्रैफिकिंग को रोकना दशकों से एक बड़ी चुनौती है। यद्यपि सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर प्रयासों के कारण ट्रैफिकिंग के मामले दर्ज होने की संख्या बढ़ी है लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना शेष है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के 2021 के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में हर घंटे नौ बच्चे लापता होते हैं, जबकि रोजाना आठ बच्चे ट्रैफिकिंग के शिकार होते हैं। रिपोर्ट बताती है कि 2021 में देश 77,535 बच्चे लापता हुए जो 2020 के मुकाबले 31 फीसद ज्यादा है। हमें अपने परिवार गांव को सुरक्षित रखना है तो हमें सचेत रहना होगा।
इस दौरान विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शिशुपाल महतो ने देश में बच्चों की ट्रैफिकिंग के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि “यह तथ्य कि आज ज्यादा से ज्यादा लोग बच्चों के लापता होने की जानकारी देने सामने आ रहे हैं, अपने आप में एक बड़ा बदलाव है। यह इस बात का संकेत है कि जमीनी स्तर पर घर-घर जाकर हमने जो जागरूकता अभियान चलाया है, उससे लोगों की मानसिकता बदली है और सुखद नतीजे सामने आ रहे हैं । हालांकि सरकारें और कानून प्रवर्तन एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकने के प्रयासों में जुटी हुई हैं लेकिन इस संगठित अपराध को देश से पूरी तरह खत्म करने के लिए एक कड़े एंटी-ट्रैफिकिंग कानून की सख्त जरूरत है ।
इस दौरान कॉमिक्स बुक्स के माध्यम से बच्चों को बाल तस्करी के बारे में जानकारी दी गई । कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रधानाध्यापक विक्टन कुंडलना, यशोदा देवी, सुभाष कुमार, निरंजन रजक, शहादत अंसारी आदि उपस्थित थे ।

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