नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): काँके क्षेत्र अंतर्गत बोड़ेया गाँव में शुक्रवार को हड़गड़ी पूजा मनाया गया। बोड़ेया गाँव के विश्वकर्मा पाहन के अगुवाई में ढोल नगाड़े के साथ नाचते गाते बोड़ेया अखड़ा में परिक्रमा करते हुए एकजुट होकर मसना स्थल तक गए जहाँ पूर्वजों को तेल, सिन्दूर, दाल, भात, खैनी , चूना, हड़िया आदि पूर्वजों को अर्पित किया गया। साथ ही साथ धूप दीप प्रज्ज्वलित कर पूर्वजों को आशीर्वाद लेकर याद किया गया।
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि पुष के माह में आदिवासी समाज के लोग अपने पूर्वज को याद करते हैं। गाँव में ही आदिवासी रूढ़ि प्रथा परंपरा संस्कृति जीवित है। आज आदिवासी अपनी धार्मिक पहचान के लिए भटक रहा है। सरना कोड नहीं मिलने से आदिवासी परंपरा में सेंधमारी हो रही है। कभी आदिवासी से हिन्दू , कभी ईसाई कहाँ जा रहे है ? उन्होने कहा कि इन सभी लोगों की डिलिस्टिंग होनी चाहिए जो आदिवासी परंपरा संस्कृतिक को त्याग चूके है।
इस दौरान दालू पाहन, रवि बिन्हा, अमित टोप्पो, नवल टोप्पो, आशीष टोप्पो,चंदा, अमर, विजय सहित अन्य उपस्थित थे।