नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के आश्वासन के बावजूद झारखण्ड विधानसभा में कृषि शुल्क विधेयक को पुनः पारित कराए जाने से राज्य के सभी जिलों के व्यापारियों के बीच बन रही असमंजसता की स्थिति को देखते हुए मंगलवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीकी से इस विधेयक की अव्यव्हारिता और इसमें होने वाली कठिनाइयों पर चर्चा की गई।
इस दौरान सदस्यों ने कहा कि यह विधेयक किसान, उपभोक्ता और प्रसंस्करण उद्योग के विकास को अवरुद्ध करने वाला है तथा इससे खाद्य वस्तुएँ महँगी होगी तथा यह विधेयक व्यापारियों तथा कृषकों के लिए अत्यंत हानिकारक साबित होगा इससे भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा।
राँची चेम्बर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी ने विधेयक की बारीकियों से अवगत कराते हुए कि झारखण्ड में कृषि उपज पर कृषि शुल्क देय किए जाने से राज्य में कृषि उपज के उत्पादन, इसके विपणन सम्बंधित प्रसंस्करण उद्दोग एवं व्यापार में भारी कमी आएगी।
इस बैठक में फेडरेशन ऑफ झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, राँची चैम्बर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी, अनिल शर्मा, अशोक कुमार मंडल, विक्रम गुप्ता एवं मुकेश अग्रवाल उपस्थित थे।