नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखण्ड आंदोलन के प्रणेता शिबू सोरेन को आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। देशभर से आए राजनीतिक, सामाजिक और जनजातीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर केंद्रीय जनजाति कार्य मंत्री जुएल ओराम विशेष रूप से उपस्थित रहे।
शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जुएल ओराम ने कहा कि वह भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर आए हैं ताकि शिबू सोरेन को अंतिम प्रणाम अर्पित किया जा सके। उन्होंने कहा, “गुरूजी का जीवन आदिवासी अस्मिता, अधिकारों और स्वाभिमान की लड़ाई का प्रतीक रहा है। उन्होंने जिस प्रकार संघर्ष करते हुए झारखंड के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।”
जुएल ओराम ने कहा कि शिबू सोरेन ने जनजातीय समाज की आवाज को संसद और सत्ता के गलियारों तक पहुँचाया। उन्होंने जीवनभर सामाजिक न्याय और क्षेत्रीय पहचान की लड़ाई लड़ी। गुरूजी के विचार और उनके सिद्धांत आज भी न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए मार्गदर्शन करने योग्य हैं। उनकी सोच और दूरदृष्टि हमें यह सिखाती है कि किस प्रकार जमीनी स्तर से उठकर भी एक जननेता पूरे समाज की दिशा बदल सकता है।