नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को लातेहार जिले का दौरा किया जहाँ डिलिस्टिंग एवं सरना कोड को लेकर चर्चा हुई। केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि केंद्रीय सरना समिति हमेशा से धर्मांतरण, डिस्टिंग एवं सरना कोड की आवाज उठाता रहा है जिसका परिणाम है कि लोग जागरुक हुए हैं एवं पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर को जनजाति सुरक्षा मंच के द्वारा मोरहाबादी मैदान डिलिस्टिंग महारैली मैं नीति एवं नियति देखने को नहीं मिला। जनजाति सुरक्षा मंच के द्वारा 30 दिसंबर सरना कोड भारत बंद को प्रभावित करने एवं 2024 के चुनाव में आदिवासी वोट को लुभाने वाला रैली साबित हुए। जनजाति सुरक्षा मंच के द्वारा सरना कोड की कोई बात नहीं हुई उनके नेताओं द्वारा कहा गया कि जो हिंदू सनातन संस्कृति को मानेंगे, वही अनुसूचित जनजाति का लाभ आप लेंगे। आदिवासी को सरना कोड की जरुरत नहीं है।
वहीं फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरना कोड लागू होने से अपने आप हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध धर्मान्तरित आदिवासी डिलिस्टिंग हो जाएँगे।
इस मौके पर अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा, बाना मुंडा, लोहरदगा जिला सरना समिति के अध्यक्ष चैतु उराँव, पलामू जिला सरना समिति के धीरु उराँव, सुनील उराँव, दीपक कुमार विजय उपस्थित थे।