बोकारो (ख़बर आजतक) : झारखंड में संभावित एक-दो महीने के अंदर विधानसभा चुनाव का ऐलान हो सकता है। इसे लेकर राज्य का सियासी पारा अभी से चढ़ने लगा है। एक तरफ हेमंत सोरेन सत्ता बचाए रखने की जुगत में जुटे हैं। वहीं बीजेपी हर हाल में सत्ता वापसी की कोशिश में लग गई है। पिछले शुक्रवार से मंगलवार तक पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के नाम पर चले सियासी प्रकरण को सत्ता बचाने और पाने की इसी प्रक्रिया से जोड़कर देखा जा रहा है।
चंपाई सोरेन ने पहले सरायकेला फिर कोलकाता और आखिर में दिल्ली में कई राउंड की मीटिंग की। वे रविवार को जिस रास्ते दिल्ली गए थे मंगलवार को उसी रास्ते सरायकेला लौट चुके हैं। लगभग 5 दिन तक चले सियासी ड्रामे के बाद चंपाई सोरेन ने अब अपना पत्ता खोल दिया है।
सरायकेला लौटने के 12 घंटे बाद उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वे अब अपना एक नया संगठन बनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया है कि वे भाजपा के साथ गठबंधन भी कर सकते हैं।
अब ये तय हो गया है कि बिहार के जीतन राम मांझी की राह पर झारखंड में चंपाई सोरेन भी चल दिए हैं। आज से 9 साल पहले एकदम ठीक इसी तरह जीतन राम मांझी ने भी नीतीश कुमार से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाई थी। इसके बाद बीजेपी से गठबंधन कर लिया था.