नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय और जेएसएलपीएस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में 14 राज्यों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य महिला समूहों की सहभागिता से स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और समृद्धि के क्षेत्र में साझा अनुभवों और नवाचारों को सामने लाना था।
कार्यशाला में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने कहा कि महिलाओं का स्वास्थ्य केवल सामाजिक संकेतक नहीं, बल्कि आर्थिक प्रगति का आधार है। उन्होंने मंईयां सम्मान योजना, सर्वजन पेंशन योजना, दीदी बाड़ी, पोषण वाटिका जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि सखी मंडलों के माध्यम से राज्य में बड़ा बदलाव आ रहा है।
सेतु दीदियों को उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
ग्रामीण विकास सचिव के. श्रीनिवासन ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि झारखंड में फूलो-झानो योजना, डाकिया योजना जैसे प्रयास महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
संयुक्त सचिव स्मृति शरण ने झारखंड की पहल की सराहना की और बताया कि आगामी “रूरल प्रॉस्पेरिटी एंड रेजिलिएंस प्रोग्राम” में एफएनएच (FNH) एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने राज्यों में ‘इमर्सिबल साइट्स’ विकसित करने का सुझाव भी दिया।
कार्यशाला में सेतु दीदी क्लेमेंसिया ओर्रा (खूंटी) ने जमीनी स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी, जिसमें पोषण, माहवारी स्वच्छता और आयरन-काल्सियम वितरण जैसे विषय शामिल थे।
कार्यक्रम स्थल पर सभी राज्यों की ओर से स्टॉल्स लगाए गए, जिनमें नवाचारों की प्रभावशाली प्रदर्शनी प्रस्तुत की गई। मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने स्टॉल्स का अवलोकन कर प्रतिभागियों से बातचीत भी की।
इस अवसर पर डॉ. मोनिका (उप सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय), अनन्य मित्तल (सीईओ, जेएसएलपीएस) मौजूद रहे।