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खोरठा क्षेत्र में जबरन कुड़माली भाषा थोपने पर मोर्चा ने किया विरोध

कसमार (ख़बर आजतक) : झारखंड की सबसे बड़ी क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा खोरठा है। झारखंड के 24 जिलों में से 16 जिलों की मातृभाषा है। खोरठा सभी जाति समुदाय की मांय कोरवा भाषा है। परन्तु भाषा विवादास्पद अभी रूकी नहीं है। अभी झारखंड सरकार के द्वारा झारखंड के सभी प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई नियमित करनी है। जिससे पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के सही मानसिक विकास हो सके। इसके लिए सरकार के द्वारा राज्य के सभी स्कूलों में भाषा सर्वेक्षण की जा रही है। इसी सिलसले को लेकर अधिकारी अपने अपने स्तर से भाषा सर्वेक्षण कर भेजी जा रही है। परन्तु कसमार प्रखंड जहां की बोल-चाल की व मातृभाषा खोरठा है , किन्तु कुछ लोगों के द्वारा दबाव बना कर कुड़माली लिखावा कर भेजा जा रहा है। इससे क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चे में सनसनी मची हुई है। आज “खोरठा छात्र संघर्ष मोर्चा” कसमार के द्वारा प्रखण्ड के कई स्कूलों में भ्रमण कर अवगत हुए जहां शिक्षक के द्वारा बताया गया की पहले खोरठा ही भरी गई थी। परंतु कुड़मियों ने जबरन से खोरठा हटा कर कुड़माली रखवा दिया जा रहा हैं। इससे मोर्चा के सदस्यों ने जोरदार विरोध करते हुए कहा की खोरठा क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चों की भविष्य और इससे जुड़ी डिग्रीधारी के रोजगार छीनने पर लगी है, जिससे हमलोग कतई स्वीकार नहीं करेंगे। अंत में मोर्चा के अध्यक्ष कमलेश महतो ने बताया की कसमार क्षेत्र के अंतर्गत खोरठा बोली जाती है, जिसे यहां के सभी संप्रदाय के लोगों की दैनिक बोल-चाल की भाषा है। सर्वेक्षण के दरमियान में क्षेत्रगत भाषा न होकर जातिगत जबर्दस्ती अधिकारियों पर दबाव बनायी जा रही है। भाषा सर्वेक्षण में कुड़माली के जगह खोरठा रखा जाय। और नहीं तो इस क्षेत्र में पढ़ने वालों की भविष्य खतरे से कम नहीं होगी। वहीं खोरठा युवा कवि संदीप महतो ने कहा की बोकारो रामगढ़ धनबाद गिरीडीह और भी जिलों की मातृभाषा खोरठा है, और भाषा सर्वेक्षण में क्षेत्र के अनुसार जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा भरा जाना उचित होगा। जिससे पढ़ने वाले बच्चों की मानसिक व बौध्दिक शक्ति का विकास होगा। आगे कहते हैं कि हमारे कसमार क्षेत्र में खोरठा से सबसे अधिक पीएचडी करने वाले तथा खोरठा की गढ़ कही जाती है। इस मोर्चा के कई सदस्य जिसमें कमलेश महतो, डॉ. रितु घांसी, सुमन कूमार,संदीप महतो, सुमित भारती, समरेश महतो, आशीष महतो, बिट्टू ठाकुर, महेन्द्र घांसी, संजीत गंझु, नवीन घांसी, विकास करमाली, हेमंत कुमार महतो, लखन कुमार महतो, मनोरमा कुमारी, प्रमोद कुमार महतो, मनुलाल गंझु, अंजू कुमारी, ऊषा मुंडा, मंजु कुमारी, देवानंद मुंडा, मुकेश कुमार,उर्मिला कुमारी, प्रतिमा कुमारी, कुमारी मिना, विनिता कुमारी, निशा कुमारी, सुजीत कुमार महतो आदि।

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