नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): भारत एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर बढ़ रहा है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज अंतरिक्ष की ओर रवाना होने जा रहे हैं। वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय नागरिक बनेंगे। इससे पहले भारत के राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा की थी। शुभांशु इस उपलब्धि के साथ अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे।
मिशन की रूपरेखा
इस ऐतिहासिक मिशन का नाम एक्सिओम-4 (Axiom-4) है। यह एक निजी अंतरिक्ष कंपनी, एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) द्वारा संचालित किया जा रहा है। मिशन को अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर के प्रसिद्ध लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से लॉन्च किया जाना है। शुभांशु शुक्ला के साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री इस मिशन में शामिल हैं।

ड्रैगन कैप्सूल से होगा लॉन्च
अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाने वाला यान स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल है। यह कैप्सूल स्पेसएक्स के विश्वसनीय फाल्कन-9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च के पहले तीन मिनट मिशन के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इसी दौरान रॉकेट धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से बाहर निकलने की कोशिश करता है। इस चरण में ज़रा-सी गड़बड़ी मिशन को विफल कर सकती है।
28 घंटे की यात्रा, 14 दिन का प्रवास
मिशन के तहत शुभांशु और उनकी टीम को 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचना है। अनुमान है कि वे गुरुवार शाम लगभग 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) ISS से डॉक करेंगे। वहां वे करीब 14 दिन बिताएंगे और विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लेंगे।
तकनीकी चुनौतियां और देरी
इस मिशन को अब तक सात बार टाला जा चुका है। टालने की प्रमुख वजहें थीं:
लॉन्च व्हीकल में तकनीकी खामियां
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के ज़्वेज़्दा मॉड्यूल में दबाव में गिरावट और लीक की समस्या
ज़्वेज़्दा मॉड्यूल रूसी हिस्से का हिस्सा है, जिसमें 2019 से लीक की समस्या बनी हुई थी। स्पेस एजेंसियां वर्षों से इस पर काम कर रही थीं। Axiom-4 मिशन से पहले ज़रूरी मरम्मतें पूरी कर ली गई हैं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
भारत के लिए क्या है इसका महत्व?
यह पहली बार है जब कोई भारतीय नागरिक निजी स्पेस मिशन में शामिल हो रहा है।
शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा भारत को मानव अंतरिक्ष मिशन क्षमताओं में एक नई ऊंचाई तक पहुंचाएगी।
यह मिशन भारत के भविष्य के गगनयान मिशन के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो सकता है।
- कौन हैं शुभांशु शुक्ला
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट हैं। वे अंतरिक्ष मिशन के लिए लंबे समय से विशेष प्रशिक्षण ले रहे थे। उनकी चयन प्रक्रिया में शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की कठोर परीक्षाएं शामिल थीं। उनकी टीम अंतरिक्ष में विज्ञान, चिकित्सा, तकनीक और पृथ्वी विज्ञान से जुड़े प्रयोगों पर काम करेगी।