बोकारो (ख़बर आजतक): चिन्मय मिशन सेक्टर 5, बोकारो द्वारा आवासीय आचार्या स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में शहर अस्तरीय यानी सिटी लेवल गीता चैटिंग प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कक्षा नर्सरी से दसवीं तक के शहर के 12 बिभिन्न विद्यालयों के 200 से अधिक बच्चों ने भाग लिया । सभी बच्चों को चार विभिन्न रूपों में विभाजित किया गया था। जिसमें
ग्रुप “ए “कक्षा नर्सरी से द्वितीय
ग्रुप “बी” कक्षा तृतीय से पांचवी
ग्रुप “सी” कक्षा छठी से आठवीं एवं
ग्रुप “डी” में कक्षा 9वी एवं दसवीं के छात्राओं को शामिल किया गया था। पांच अनुभवी निर्णायकों तिलोत्मा कोचगवे, ज्योति दुबे, सुषमा सिंह , रोली प्रियदर्शी एवं गोपाल कृष्णा दुबे ने योग्यता के आधार पर चारों विभिन्न वर्गों में विजेताओं का चयन किया। विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं –
समूह “ए”
1.रविका झा(डी पी एस)
- भव्या(श्री अय्यपा स्कूल)
- शशांक पांडेय ( एम जी एम एच् एस)
समूह “बी”
1.सूर्यांश पांडेय (डी पी एस)
२.युवंशी पांडेय(श्री अय्यपा पब्लिक स्कूल)
3.प्रीति रानी(एम जी एम एच् एस)
समूह “सी”
1.तनीषा(क्रेसेन्ट पी एस)
2.सुहानी सिंह(बोकारो पी एस)
3.आदित्य वर्मा राय(एम जी एम एच् एस)
समूह “डी”
1.नरेन गुप्ता(ए आर एस )
2.श्री (क्रेसेन्ट पब्लिक स्कूल) - श्वाती कुमारी(बोकारो पब्लिक स्कूल)
विभिन्न वर्गों में सान्त्वना पुरस्कार क्रमशः
ए-सान्वी सिंह, प्रियांशु, बी- गदेला, आहना,
सी- मिहिर, रिशव कुमार,
डी- कृति सिंह एवम मानसी पांडेय को मिला।
सभी विजयी बच्चों को आवासीय आचार्या स्वामिनी संयुक्तानंद, अध्यक्ष विश्वरूप मुखोपाध्याय, सचिव महेश त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष आर एन मल्लिक, चिन्मय मिशन बोकारो सचिव हरिहर रावत, विद्यालय के उपप्राचार्य नरमेंद्र कुमार ने प्रशस्ति पत्र एवं ट्रॉफी देकर सम्मानित किया । सभी विजयी बच्चों को शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद देते हुए स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती जी ने कहा कि गीता के वचन से, अध्ययन से एवं उसके नियमों का पालन करने से जीवन जीना अत्यंत सरल हो जाता है। गीता वाचन प्रतियोगिता में बच्चों ने पूरी श्रद्धा के साथ भाग लिया है । इससे बच्चों में अनुशासन के साथ अध्यात्म ज्ञान बढ़ता है और यह बच्चे जीवन के हर क्षेत्र में चाहे वह कितना भी चुनौती भरा क्यों ना हो बड़े ही सफलता से आगे बढ़ते चले जाते हैं और यही बातें उन्हें आम बच्चों से अलग करती है। इसलिए यह जरूरी है कि हमें बचपन से ही अपने बच्चों में गीता के ज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाना चाहिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में संजीव मिश्रा, अरुणेश केदारनाथ, अनिल एवम के पी मिश्रा ने अमुल्य सहयोग किया।