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चुनावी वादों को पूरा नहीं करने का ही परिणाम है रामगढ़ विधानसभा में यूपीए की हार : नायक

रांची (ख़बर आजतक) : रामगढ़ में एनडीए की जीत वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा चुनावी वादों को पूरा नहीं करने का ही परिणाम है रामगढ़ विधानसभा में यूपीए की हार ।उपरोक्त बातें आज झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक सह आदीवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने रामगढ़ विधानसभा चुनाव में यूपीए की हार होने पर आज अपनी प्रतिक्रिया में कहीं । इन्होंने यह भी कहा झारखंडी जनता से किए गए वादों को यूपीए गठबंधन के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने आज तक पूरा नहीं किये जिस कारण रामगढ़ विधानसभा की जनता ने उनके समर्थित प्रत्याशी को हराकर यह संदेश दिया कि अब झारखंड में जुमलेबाज नेताओं की नेतागीरी नहीं चलने दी जायेगी । श्री नायक ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल में झारखंड के दलित आदिवासी मूलवासी समाज के देखे गये सपनो को तोड़ा है और उनके भावनाओ के साथ खेला है और जुमलेबाजी कर सिर्फ और सिर्फ बोलबच्चन की भुमिका निभाने का काम किया है । जिन उद्देश्यों के लिए रघुवर सरकार को हराकर हेमंत सरकार को झारखंड में सत्ता दिलाने का काम किया गया था वे सभी उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पाई और यह भी सरकार रघुवर सरकार के ही राह पर चलकर झारखंड के दलित आदिवासी मूलवासी समाज के सपनों को तोड़ने का काम किया हेमंत सरकार ने चुनाव में जो भी वादे किए थे वह 1% पूरे नहीं किए गए चाहे खतियान आधारित स्थानीय नीति हो , चाहे खतियान आधारित नियोजन नीति, बेरोजगार नौजवानों को प्रत्येक वर्ष नौकरी देने का सवाल हो ,चाहे बेरोजगारी भत्ता देने का सवाल हो, चाहे ठेकेदारी में दलित आदिवासी मूलवासी समाज के भागीदारी के आरक्षण का सवाल हो, चाहे राष्ट्र की मुख्यधारा में दलितों को आगे लाने का सवाल हो चाहे ओबीसी के आरक्षण का सवाल हो, चाहे भूमि लुट का सवाल हो सभी क्षेत्रों में इन्होंने वादाखिलाफी करने का काम किया जिससे झारखंड के दलित आदिवासी मूलवासी समाज जो विश्वास के साथ उनके साथ खड़ी थी वह अपना आज समर्थन वापस ले लिए ।
श्री नायक में आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के नेतालोग ज्यादा खुशी मनाने का काम नहीं करें कयोंकी झारखंड की जनता ने भी 15 वर्षों तक भाजपा एनडीए सरकार की कार्यशैली को देखा है परखा है समझा है बुझा है । एनडीए के नेतालोग मुंगेरीलाल के हसीन सपने नहीं देखने का काम करें । 24 के विधान सभा चुनावों में वे पुनः सत्ता में वापस आएंगे तो उनकी सोच झारखंडी समाज कभी भी पूरा नहीं होने देगी और आने वाले दिनों में यूपीए और एनडीए के विकल्प में छोटे-छोटे शक्तियों को गोल बंद कर एक नई तीसरी शक्ति झारखंड मे विकल्प के रूप मे पेश किया जायेगा जो झारखंड के धरतीपुत्र के भावनाओं के अनुरूप होगी और झारखंडी समाज के प्रति तिसरी शक्ति समर्पित होगी।

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