डीपीएस बोकारो में विद्यार्थियों ने बिखेरी दीपावली व छठ की मनोहारी छटा
बोकारो : दीपावली एवं छठ के उपलक्ष्य में डीपीएस बोकारो में मंगलवार को विशेष एसेंबली का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रंग-बिरंगे परिधानों में सजे छात्र-छात्राओं ने मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से प्रकाश-पर्व दीपावली व आस्था के महापर्व छठ की सतरंगी छटा बिखेरी। सीनियर इकाई के लिए विद्यालय के अश्वघोष कला क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत भक्ति गीत – जग का व्यापक अंधकार हर निज प्रकाश भर दो, ज्योतिर्मय कर दो… के सामूहिक गान से हुई। इसके पश्चात कक्षा 8 की छात्रा श्वेता ने सुविचार-प्रस्तुति की। कक्षा 9 की फैज़ा फारुकी ने स्थानीय व देश-विदेश के मुख्य समाचारों से अवगत कराया तथा कक्षा 9 की सौम्या ने बुराई पर अच्छाई की जीत से संबंधित स्वरचित कविता सुनाकर सबकी वाहवाही बटोरी।
इसके बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की कड़ी में बच्चों की टोली ने उग हो सुरुज देव…, कांच ही बांस के बहंगिया…, केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झुके… आदि छठ गीतों का सुमधुर सामूहिक गायन प्रस्तुत कर वातावरण में भक्तिरस घोल दिया। तदुपरांत डीपीएस स्टार कॉन्टेस्ट के विजेताओं ने गायन, वादन और नृत्य में अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिस पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। इस क्रम में डीपीएस स्टार कॉन्टेस्ट सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता पुरस्कृत भी किए गए। कार्यक्रम का संचालन हेड गर्ल ऋद्धिमा कौशल ने किया।
इधर, प्राइमरी विंग में विद्यार्थियों ने भी आकर्षक नृत्य-संगीत की प्रस्तुति से समां बांध दिया। कक्षा 3 की छात्रा भाव्या बिष्ट की गणेश वंदना के बाद दिवाली-छठ पर कक्षा 4 व 5 के छात्र-छात्राओं के सुरीले सामूहिक गायन ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, कक्षा 2 और 3 के विद्यार्थियों ने प्रकाश पर्व दीपावली के स्वागत में आकर्षक समूह नृत्य प्रस्तुत कर सबकी भरपूर सराहना पाई। इस क्रम में दोनों ही इकाइयों में दीये, लालटेन, रंगोली और रंग-बिरंगी कलाकृतियों की साज-सज्जा से विद्यालय परिसर की सुंदरता देखते ही बन रही थी। वहीं, सुंदर परिधानों में सजीं छात्राओं ने अपने हाथों में कलाकृतियां लेकर प्रदर्शित कीं।
बच्चों की प्रस्तुतियों को सराहते हुए प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने सभी को दीपावली एवं छठ की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विद्यार्थियों को ज्ञान का प्रकाश फैलाने तथा अपनी परंपरा व संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हर बच्चे में अपनी विशेष प्रतिभा होती है। विद्यालय हर अवसर और मंच प्रदान करता है। बच्चे खुलकर अपनी पूरी क्षमता के साथ विभिन्न सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी भाग लें। यह उनके समग्र
विकास में सहायक है।