बोकारो (ख़बर आजतक): पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के उलगोड़ा गाँव के दर्जनों रैयतो ने कुरमा एवं झारखंड -पश्चिम बंगाल सीमा को मुख्य पथ से जोड़ने के लिए अपना रैयती जमीन दान देकर शासन एवं समाज के बीच उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। जमीन मालिको द्वारा जमीन दान करने के बाद ही सड़क निर्माण का कार्य भी युद्ध स्तर पर आरम्भ हो गया है।
गौरतलब है कि कुरमा तथा पश्चिम बंगाल के बड़की टाँड़ व झारखंड के उलगोड़ा सीमाना के बीच लगभग आधा किमी रैयती जमीन होने के कारण आज तक सड़क नही बन पाया था। बरसात के दिनों मे तो कुरमा तथा बंगाल एवं झारखंड के कई गाँवो का सम्पर्क टूट जाता था। जिसके कारण आस -पास के दोनो राज्यों के एक बड़ी आबादी को लंबी दूरी तय कर अपना गंतव्य जाना पड़ता था। इस सड़क के बन जाने से दोनो राज्यों के लगभग एक दर्जन गाँव के लोगो की आवाजाही हर मौसम मे सुगम हो जाएगा ।
किन किन लोगों ने दी ज़मीन।
इस सड़क के निर्माण हेतू कुरमा के निवासी एवं मुखिया शिबु सोरेन, समाजसेवी बिक्रम माहथा, हरिपद गोप , रघुनाथ टुडु, विपिन प्रमाणिक, हरि प्रसाद माँझी आदि ने एक संयोजक मंडली बनाकर स्थानीय रैयत एवं सड़क निर्माण के संवेदक एसके सिंह से संम्पर्क कर पहल प्रारंभ किया था। कई दौर के प्रयास के बाद रैयत एवं संवेदक ने इस संबंध मे अपना सहमति प्रदान करते हुए अपनी सहमति जताई।
इसके बाद जमीन मालिक लखन महतो, प्रयाग महतो, वरूण महतो, नगेन्द्र महतो, प्रहलाद महतो खिरोधर महतो, रतन महतो, भोलानाथ महतो,किशन महतो ,छुटु महतो, संकरू महतो, लगेन्द्र महतो, अजीत महतो, मलिन्द्र महतो, ऋषि केश महतो, अशोक महतो, दिलावर महतो, बलराम साधु ,कार्तिक महतो आदि ने सड़क के लिए जरूरी साढ़े बीस डिसमिल अपना खतियानी जमीन स्वेच्छा से दान देकर सड़क निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है।
इधर जरूरी जमीन मिलते ही संवेदक एसके सिंह ने सड़क निर्माण का कार्य ताबड़-तोड़ प्रारंभ कर दिया है। अगले कुछ ही दिनों मे निर्माण कार्य संम्पन्न हो जाएगा। इस सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद ही आस -पास के गाँव-ग्रामीणों मे खुशियों की लहर दौड़ गयी एवं यह चर्चा का बिषय बन गया है। आम ग्रामीण जमीन दाता एवं संवेदक को इसके लिए बार-बार धन्यवाद दे रहे है।
ग्रामीणों की इस सराहनीय प्रयास की सर्वत्र चर्चा हो रही है।