झारखण्ड राँची राजनीति

“जे नाची से बाची” को चरितार्थ कर रहे हैं सांसद संजय सेठ

हमारी पहचान दुनिया में हमारे संस्कृति से हैं : रघुवर

महोत्सव के दूसरे दिन राज्यपाल, कड़िया मुंडा, बाबूलाल मरांडी होंगे शामिल

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): सांसद सांस्कृतिक महोत्सव का शुक्रवार को भव्य रंगारंग शुभारंभ हुआ। इस शुभारंभ समारोह में झारखंड सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो, पद्मश्री मुकुंद नायक, पद्श्री मधु मंसूरी, विधायक सीपी सिंह, नवीन जयसवाल, समरी लाल प्रमुख रुप से मौजूद थे। इस संस्कृति महोत्सव का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ संपन्न हुआ। इस महोत्सव के उद्घाटन सत्र में सांसद संजय सेठ ने कहा कि झारखंड की कला और संस्कृति को देश के पटल पर दिखाने का एक प्रयास है। झारखंड में कला के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री के चिंतन को आगे बढ़ाते हुए इस सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया है।

सांसद संजय सेठ ने कहा कि जो समाज अपनी संस्कृति अपने विचार को छोड़ दिया वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता है परंतु झारखंड ने अपनी संस्कृति नहीं छोड़ी। राँची लोकसभा क्षेत्र स्तरीय इस महोत्सव में राँची, हटिया, सिल्ली, खिजरी, ईचागढ़ और काँके विधानसभा क्षेत्र से 2683 प्रतिभागी ने भाग लिया। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम चार स्थानों पर आयोजित की गई जिसमें आर्यभट्ट ऑडिटोरियम राँची यूनिवर्सिटी मोराबादी, ऑड्रे हाउस, मयूरी ऑडिटोरियम सीएमपीडीआई काँके रोड, श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम मोराबादी, संस्कृति महोत्सव सुबह 9:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक कार्यक्रम आयोजित की गई।

सांसद सांस्कृतिक महोत्सव में 10 विधाओं की प्रतियोगिता हुई जिसमें नवोदित कलाकार अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री का चिंतन और उनके विशेष आग्रह पर युवा रंगमंच के द्वारा धरती करे पुकार मुझे बचाओ का नाट्य मंचन किया गया। आज के समय धरती माँ करहा रही है कि केमिकल युक्त खाद एवं केमिकल का उपयोग कर खेत की मिट्टी जहरीली होती जा रही है, प्रदूषण फैल रहे हैं। इससे बचाने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना एवं इसे जन जागरण के रुप में कैसे लोगो को जागरूक किया जा सके। इसी को लेकर नाटक का विशेष रुप से मंचन किया गया। इस दौरान कथक की विशेष प्रस्तुति गार्गी मालानी एवं पद्मश्री मुकुंद नायक एवं नंदलाल नायक द्वारा लोकगीत की प्रस्तुती दी गई।

इस अवसर पर झारखंड सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पाँच मंत्र जिसमें एक है अपनी विरासत पर गर्व करना जो अपने देश की राज की संस्कृति जो वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराएँ, हमारे देश की 600 वर्ष पुरानी संस्कृति है। इसे कोई नहीं मिटा सकता पश्चिमी सभ्यता जो भोग विलास कि संस्कृति है लेकिन भारतीय संस्कृति जो परम आनंद की अनुभूति कराती है। झारखंड का छावनी तो पूरे विश्व के पटल पर अपनी पहचान बना चुकी है जो झारखंड के लिए गर्व का विषय है। यह बहुत सब कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने का एक अनूठा प्रयास है ऐसे प्रयास के लिए राँची के सांसद संजय सेठ को बहुत-बहुत साधुवाद ऐसे आयोजन के लिए।

इस अवसर पर झारखंड सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री सुदेश महतो ने कहा कि कला संस्कृति भाषा किस राज्य की पहचान है, अपनी भाषा संस्कृति को बचाने के लिए इस तरह के आयोजन आवश्यक हैं। झारखंड की संस्कृति को बचाने का लक्ष्य हम सभी लोगों का दायित्व है। इस राज्य का चेहरा यहाँ की संस्कृति है मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ राँची के सांसद संजय सेठ का जिन्होंने स्वर्गीय राम दयाल मुंडा जिन्होंने कहा था “जे नाची से बाची” की संस्कृति को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं इसके लिए इन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद।

इस महोत्सव में महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, अनेकता में एकता, गुरु शिष्य परंपरा, स्वतंत्रता सेनानी, वसुधैव कुटुंबकम, तकनीकी नवाचार, प्राकृतिक खेती से जुड़े थीम पर भी प्रस्तुति दी गई।

इस प्रतियोगिता में ग्रुप सॉन्ग जूनियर

प्रथम पुरस्कार दिल्ली पब्लिक स्कूल
द्वितीय पुरस्कार सरला बिरला पब्लिक स्कूल
तृतीया आचार्य कुलम

ग्रुप सॉन्ग सीनियर

प्रथम तृताल
द्वितीय बन्दिश
तृतीय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी

क्लासिक ग्रुप डाँस जूनियर

प्रथम राजश्री पांडा एंड ग्रुप
द्वितीय सुप्रिया राज एंड ग्रुप
तृतीय निपुण निखर एंड ग्रुप

क्लासिक ग्रुप डांस सीनियर

प्रथम 2अर्चना वर्मा एंड ग्रुप
द्वितीय सृष्टि प्रियदर्शनी एंड ग्रुप
तृतीय युक्ति प्रिया उराँव एंड ग्रुप

जनजातीय नित्य प्रतियोगीता

प्रथम मनोरंजन कला संगम सरसा साईं ग्राम
द्वितीय सुचांद महतो
तृतीय सोमा मुंडा

इस कार्यक्रम में मुख्य रुप से पूर्व राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, विधायक रामकुमार पाहन, आरती कुजूर, संजीव विजयवर्गीय, राकेश कुमार, विनय कुमार जयसवाल किशोर मंत्री, प्रेम मित्तल, के के गुप्ता, वरुण साहू, बलराम सिंह, अजय मालानी, मन पुरन नायक, राजाराम महतो, सुरेंद्र महतो, धीरज महतो, मुकेश काबरा, राजश्री जयंती, नरेंद्र सिंह, रोमित नारायण, मूनचुन राय, रमेश सिंह, रोशनी खलखो, नकुल तिर्की आदि शामिल हुए।

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