रांची : आजसू पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह पिछड़ा वर्ग विरोधी है और ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश में शामिल रही है। मंगलवार को पार्टी के केंद्रीय महासचिव डॉ. लंबोदर महतो और वरिष्ठ नेता प्रवीण प्रभाकर ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि झामुमो की इस साजिश को सुदेश महतो ने नाकाम कर दिया, जिससे बौखलाकर झामुमो आजसू पर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।
नेताओं ने बताया कि सुदेश महतो की पहल पर पंचायत चुनावों में दस हजार पदों पर ओबीसी को आरक्षण मिला था, जिसे हेमंत सरकार ने एक झटके में खत्म कर दिया। झामुमो सरकार ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के बिना ही चुनाव कराने की कोशिश कर रही थी ताकि ओबीसी को आरक्षण न मिले। इसके विरुद्ध आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी सुप्रीम कोर्ट गए, तब जाकर राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की।
प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि झारखंड बनने के बाद से ही सुदेश महतो ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए निरंतर प्रयास किया है। उन्होंने 2001 से लेकर 2021 तक विधानसभा में कई बार यह मुद्दा उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने भी विशेष परिस्थितियों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की अनुमति दी है, जैसा तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों में लागू है।
नेताओं ने आरोप लगाया कि पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष पद एक साल से खाली है, जिससे ट्रिपल टेस्ट की वैधानिकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि हेमंत सरकार केवल औपचारिकता निभा रही है, जबकि सुदेश महतो ने हमेशा ओबीसी, दलित और आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है।