नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण उराँव के असामयिक पर दु:ख व्यक्त करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो ने कहा कि झारखण्ड झारखंड आंदोलनकारी, राजी पहड़ा सरना प्रार्थना सभा के संस्थापक, झारखंडी अस्मिता एवं पहचान को लेकर हमेशा मुखर रहने वाले जननेता तथा हमारे साथी प्रवीण उराँव की जरुरत इस राज्य को लंबे समय तक थी, लेकिन यह हो न सका। नियति के आगे किसी का वश नहीं चलता। प्रवीण उराँव ने झारखंडी अस्मिता एवं संस्कृति को सहेजने को लेकर जो प्रयत्न किया, वो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकाश पुंज का काम करते रहेगा।
उन्होंने कहा कि झारखंडियों के दुःख-दर्द को समझने वाले नेता थे प्रवीण उराँव। अपनी अंतिम साँस तक वो झारखंड एवं झारखंडियों के लिए संघर्ष करते रहें। भले ही आज वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृतियाँ, उनका त्याग-बलिदान और समर्पण हमारी स्मृतियों में जिंदा रहेगा।
प्रवीण उराँव के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन के साथ-साथ झारखंडी संस्कृति को अलग पहचान दिलाने के लिए जो त्याग और बलिदान उन्होंने दिया, उसके लिए राज्य उनका सदैव आभारी रहेगा। अपने सहज और सर्वसुलभ व्यक्तित्व की वजह से वें हर क्षेत्र के लोगों जुड़े रहें। उनके निधन से झारखंडी समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।