प्रशांत अम्बष्ठ, गोमिया
गोमिया (ख़बर आजतक) : झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता सह उत्पाद एवं मद्द निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सोमवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केन्द्रांश की राशि शीघ्र विमुक्त करने की मांग की।

मंत्री प्रसाद ने केंद्रीय मंत्री को सौंपे गए पत्र में बताया कि 15 अगस्त 2019 को शुरू हुई इस योजना की कुल लागत ₹24,665.30 करोड़ है। इसमें ₹12,257.83 करोड़ केंद्रांश और ₹12,407.47 करोड़ राज्यांश शामिल है। अब तक झारखंड को केंद्र से ₹5987.46 करोड़ और राज्यांश में ₹6873.71 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। जबकि योजना की कुल लागत के अनुसार अब भी केंद्रांश से ₹6270.37 करोड़ और राज्यांश से ₹5533.76 करोड़, कुल ₹11,804.13 करोड़ की राशि शेष है।
55% ग्रामीण घरों तक पहुंचा नल से जल
मंत्री ने जानकारी दी कि झारखंड के 62,55,189 ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है। अब तक 34,31,115 घरों में यह सुविधा दी जा चुकी है, जो कुल लक्ष्य का 54.85% है।
प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय द्वारा SPARSH पोर्टल को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन कर लिया है। बावजूद इसके, वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹2114.16 करोड़ की स्वीकृत राशि में से सिर्फ ₹70 करोड़ ही केंद्र से प्राप्त हुए हैं। इस कारण राज्य में योजना की प्रगति लगभग ठप हो गई है।
जल्द मिल सकता है फंड, केंद्रीय मंत्री का आश्वासन
मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि केंद्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल ने जल्द ही बकाया राशि जारी करने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि झारखंड के पिछड़े और गरीब ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा देना प्राथमिकता में है और केंद्र से समय पर सहायता मिलना आवश्यक है।