नितीश मिश्रा
रांची (ख़बर आजतक) : झारखंड जनाधिकार महासभा (JJM) ने राज्य कैबिनेट द्वारा ‘झारखंड पेसा नियमावली 2025’ को मंजूरी दिए जाने का स्वागत करते हुए इसे आदिवासी, मूलवासी और ग्राम सभाओं के दशकों लंबे संघर्ष की ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। महासभा ने कहा कि जल-जंगल-जमीन और स्वशासन की रक्षा के लिए हजारों ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं के संघर्ष, जेल यात्राओं और आंदोलनों का यह प्रतिफल है।
JJM ने नियमावली निर्माण में जन-भागीदारी और संगठनों के सुझावों को शामिल करने के लिए राज्य सरकार की सराहना की। हालांकि महासभा ने स्पष्ट किया कि झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 में संशोधन के बिना यह नियमावली अधूरी रहेगी और ग्राम सभा के अधिकारों पर हस्तक्षेप की आशंका बनी रहेगी।
महासभा ने सरकार से नियमावली को तत्काल सार्वजनिक करने, व्यापक प्रचार-प्रसार, JPRA में संशोधन, कानूनों के एकीकरण और प्रभावी निगरानी तंत्र के गठन की मांग की है।
