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झारखंड में लग सकता है राष्ट्रपति शासन….ऐसा क्यों कहा सरयू राय ने पढ़े पूरी ख़बर

रांची (ख़बर आजतक): जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने दावा किया है कि झारखंड में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। उनका मानना है कि झारखंड की सियासत मौजूदा समय में संविधान के प्रतिकूल काम कर रही है। ऑल इज वेल की बात तो दूर है। हालात ये हैं कि केंद्र सरकार यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
श्री राय ने कहा कि हालात ऐसे हैं कि राज्य में कानून का शासन नहीं है। संविधान के नियमों के प्रतिकूल सरकार चलाई जा रही है। ऐसे स्थिति में सरकार का बने रहना सही नहीं होगा। झारखंड में जारी सियासी उठा-पटक और ईडी की कार्रवाई पर सरयू राय बड़ी बारीक नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले सरफराज अहमद जैसे सीनियर लीडर का इस्तीफा करा दिया गया। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि ये सीएम की प्लानिंग का हिस्सा है। ईडी अगर उन्हें जेल भेजती है, तो वे अपनी पत्नी या परिवार के किसी अन्य सदस्य को यहां से चुनाव लड़वा दें। इसीलिए ये इस्तीफा हुआ है। जैसे ही हेमंत सोरेन कुर्सी छोड़ेंगे और उनकी जगह कोई दूसरे पद ग्रहण करेंगे तो राज्यपाल उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहेंगे।
इस बात की बहुत कम उम्मीद है कि दूसरी बनने वाली सरकार बहुमत साबित कर सके। क्योंकि कई ऐसे लोग जो अभी ऑल ज वेल का दावा कर रहे हैं, वे ही अवसर तलाशने लगेंगे। फिर ऐसे में साथी दल भी नई शर्तें रख सकते हैं। ऐसे में सरकार बचाये रखना या चलाना आसान नहीं होगा।

राज्यपाल की भूमिका अहम होगी
ऐसे में राज्यपाल कोई वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए भाजपा को आमंत्रित करेंगे। नहीं तो राजनीतिक अस्थिरता का हवाला देकर राष्ट्रपित शासन लागू कर देंगे। विधानसभा को निलंबित कर के चाहें तो लोकसभा के बाद या लोकसभा के साथ विधानसभा का चुनाव करा सकते हैं।

सीएम की कुर्सी खतरे में
सीएम की कुर्सी खतरे में है। ये मैं 4-5 महीनों से कहते आ रहा हूं। सियासत का ये मतलब नहीं है कि बहुमत में हैं तो जो काम गलत हैं, होते रहे। उनसे पैसे आते रहे। विधायकों को खुश कर के रखें। अफसरों का ऐसा समूह, जो भ्रष्टाचार में सरकार की मदद करे। ये सरकार प्रायोजित भ्रष्टाचार हो जाएंगे। तब संविधान और कानून के प्रावधान कहां रह जाते हैं।

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