झारखण्ड राँची राजनीति

झारखंड सरकार के संरक्षण में हो रही है आपराधिक घटनाएं : बाउरी

सीएम विधानसभा के फ्लोर पर झूठे वादों और घोषणाओं के पढ़ते रहे कसीदे, उनके द्वारा लॉ एंड ऑर्डर पर एक शब्द नहीं कहना शर्मनाक

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि झारखण्ड सरकार के नियंत्रण से पूरी तरह बाहर हो चुकी कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। राज्य सरकार कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की बजाए तुष्टिकरण की राजनीति को धार देने में जुटी है। सरकार ने पूरी कानून व्यवस्था को ताक पर रख दिया है। राज्य में आम से लेकर खास, कोई भी सुरक्षित नहीं है।

अमर बाउरी ने कहा कि आज सुबह जैसे ही हम लोगों की नींद खुली सोशल मीडिया के माध्यम से हम सबको पता चला कि दारोगा अनुपम कच्छप को गोली मारकर हत्या कर दी गई है। कल जब विधानसभा का सत्र चल रहा था उसी समय सूचना आई कि अधिवक्ता गोपी कृष्णा को उनके मोहल्ले में चाकू गोदकर मार दिया गया है। आज थोड़ा दिन और गुजरा तो एक और दुखदाई खबर आई मिली कि धुर्वा के पूर्व पार्षद जिन्हें पूर्व में अपराधियों ने गोली मार दिया था उनका निधन दिल्ली में इलाज के दौरान हो गया। यह तीनों हत्याएँ कोई आम और सामान्य नहीं है। जहाँ तक आम नागरिकों की बात है तो जेएमएम काँग्रेस सरकार में इनका तो कोई मोल ही नहीं है, यह सरकार आम आदमी को कीड़े मकोड़े से अधिक नहीं समझती।

अमर बाउरी ने कहा कि जिन तीनों लोगों की हत्या हुई है यह अपने-अपने क्षेत्र के नामचीन हैं। एक सरकार का वर्दी पहना हुआ दारोगा, दूसरा कानून की रक्षा करने वाला अधिवक्ता और तीसरा एक जनप्रतिनिधि। लगातार इस प्रकार की घटना हो रही है और राज्य सरकार विधानसभा के फ्लोर पर झूठे वादों और घोषणाओं को साबित करने में केवल कसीदे पढ़ती रही लेकिन राज्य की लचर कानून व्यवस्था पर एक शब्द भी नहीं बोलना शर्मनाक है। मुख्यमंत्री द्वारा पाँचवें विधानसभा के आखिरी सत्र में फिर कई झूठे वादों की झड़ी लगाई गई। लेकिन कानून व्यवस्था पर सरकार की चुप्पी साफ बतलाती है कि सारी घटनाएँ राज्य सरकार के संरक्षण में घटित हो रही है।

अमर कुमार बाउरी ने कहा कि अब तक 7000 दुष्कर्म की घटनाएं हो चुकी हैं। प्रदेश में प्रतिदिन पांच हत्याएं हो रही हैं। ये पीड़ित लोग कौन है ? ये लोग राज्य के आदिवासी, दलित और मूलवासी ही हैं। यहाँ कानून व्यवस्था की पूरी तरह धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। पुलिस से आदिवासी संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं व छात्रों को पिटवाया जा रहा है क्योंकि घुसपैठियों को और भी प्रबल सुरक्षा देना है। इनको तुष्टीकरण की राजनीति को और भी धार देनी है इसलिए झारखण्ड के पूरे कानून व्यवस्था को ताक पर रख दिया गया है।

वहीं बाउरी ने कहा कि स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि अब लोग कहने लगे हैं कि इस अत्याचारी और भ्रष्टाचारी सरकार से कैसे उनका और उनके प्रियजनों का जीवन सुरक्षित बच जाय। झारखंड के लोग दिन रात प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी तरह इस सरकार के महीने दो महीने का बचा कार्यकाल निकल जाए और यह सरकार यहाँ से चली जाए। जनता इस सरकार को उखाड़ फेंकना ही चाहती है। जितनी जल्दी इस सरकार से मुक्ति मिल जाए उतना ही भला झारखंड का और झारखंडवासियों का होगा।

इस दौरान प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी योगेन्द्र प्रताप सिंह और तारिक इमरान भी मौजूद थे।

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