झारखण्ड राँची

झारखण्ड विजन 2030 और वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए बजटीय कार्यशाला में झारखण्ड चैम्बर ने दिए अपने सुझाव

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): झारखण्ड बजट में स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ ही सरकार के राजस्व संग्रह में वृद्धि हेतू झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने वित्त विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में शामिल होकर अपने सुझावों से अवगत कराया। चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उराँव द्वारा बजट के लिए सुझाव आमंत्रित किए जाने की प्रक्रिया का स्वागत किया और कहा कि उद्योग लगाने के लिए भूमि की पर्याप्त उपलब्धता जरुरी है। उन्होंने सुझाया कि खासमहल भूमि जिस पर पर 50-60 वर्षों से लोग निवास कर रहे हैं अथवा उसका उपयोग कर रहे हैं, वैसी भूमि को मालिकाना हक देकर फ्रीहोल्ड करना चाहिए। साथ ही गैर मजरूआ मालिक प्रकृति की भूमि को भी फ्रीहोल्ड करने पर अवश्य विचार किया जाना चाहिए। सरकार के राजस्व संग्रह में वृद्धि हेतू उन्होंने राज्य में बंद पड़ी लौह अयस्क की खदानों को जल्द खोलने, व्यवसायिक वाहनों पर वर्षों से बकाया टैक्स की प्राप्ति हेतू वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने और नगर निगम से जुडे सभी प्रकार के बकाया टैक्स की प्राप्ति हेतू वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने का सुझाव दिया। यह कहा कि इन उपायों से सरकार को हजारों करोड़ ₹ की तत्काल आमदनी होगी।

इस दौरान अपने संबोधन के द्वारा उन्होंने प्रत्येक जिले में ट्राइबल बिजनेस डेवलपमेंट का गठन करते हुए आदिवासी वर्ग के विकास एवं उनके आय में वृद्धि हेतू बजटीय उपबंध किए जाने, सस्टनेबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिए निर्मित होने वाली पॉलिसी का निर्माण लांगटर्म के लिए करने, वेंडर मार्केट की तर्ज पर राज्य के प्रत्येक जिलों में महिला वेंडर मार्केट की स्थापना करने, राज्य में व्यापार एवं उद्योग आयोग का गठन करने, पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर राज्य में ड्राईविंग लाईसेंस बनाने हेतु प्रोफेशनल्स को अधिकृत किये जाने, सभी प्रमुख शहरों में सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसों को चलाने की पहल, स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए राज्य में मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिच्यूट की स्थापना और असंगठित क्षेत्र के भारी मोटरवाहन चालकों और उप चालकों (कंडक्टर) को प्रारम्भिक प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि व्यवसायिक वाहन पर प्रत्येक तीन माह में टैक्स देने की प्रक्रिया है किंतु किसी कारणवश टैक्स नहीं देने पर 50 से 200 फीसदी तक का फाइन है जो अव्यवहारिक है। लेट फाइन के जगह में फाइन को 2 फीसदी ब्याज में परिवर्तित करना चाहिए, जिस पर विचार के लिए आश्वस्त किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि वित्तिय वर्ष 2024-25 के बजट में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट में वृद्धि जरूर की जानी चाहिए ताकि पंचायत स्तर तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हो सकें।

वहीं वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उराँव ने झारखण्ड चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री द्वारा सुझाये गए सभी बिंदुओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार के लिए आश्वस्त किया।

इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के सचिव के अलावा चैंबर के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष नीतिन प्रकाश, चाईबासा चैंबर के अध्यक्ष मधुसूदन अग्रवाल, सदस्य प्रमोद चौधरी एवं उपस्थित थे।

Related posts

चम्पाई सोरेन से मिले सीसीएल के सीएमडी डॉ बी वीरा रेड्डी, कोयला के उत्पादन एवं प्रेषण में 2023 – 2024 के लक्ष्य की प्राप्ति हेतू मार्गदर्शन का किया आग्रह

Nitesh Verma

त्रुटिपूर्ण जनजातीय भाषाई सर्वे का मुख्यमंत्री ने दिया आदेश : शिल्पी नेहा तिर्की

Nitesh Verma

स्वर्गीय कार्डिनल टोप्पो को रोम में दी गई श्रद्धांजलि

Nitesh Verma

Leave a Comment