10 अक्टूबर को लातेहार में टाना भगतों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में जुटे काँग्रेस के दिग्गज, एक सुर से सरकार से की निर्दोष टाना भगतों की रिहाई और मुकदमा वापसी की माँग
झारखंड में आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकारों को कुचला जाना गंभीर चिंता: सुखदेव भगत
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): अखिल भारतीय आदिवासी काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवाजी राव मोघे ने कहा है कि पिछले 100 साल में दुनिया के सबसे लोकप्रिय व्यक्ति महात्मा गाँधी के विचारों से सबसे ज्यादा प्रभावित और उसी के अनुरूप अपने जीवन को ढाल लेने वाले उनके सच्चे अनुयायी टाना भगतों के साथ लातेहार में पुलिस कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है। शिवाजी राव मोघे ने कहा कि पुलिस ने असंगत रुप से गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमें में 38 टाना भगतों को झारखण्ड के विभिन्न जेल में भेजने की कार्रवाई के आठ महीने बाद भी अबतक टाना भगतों का अपने न्यायपूर्ण माँगों के लिए आंदोलन करते रहना अफ़सोस की बात है।
राजधानी के मोरहाबादी में बुधवार को बापू वाटिका में महात्मा गाँधी की प्रतिमा के समक्ष आयोजित टाना भगतों की सत्याग्रह रैली में मुख्य अतिथि के रुप में अपने संबोधन में शिवाजी राव मोघे ने कहा कि यदि लोकतंत्र बचेगा तभी देश बचेगा और देश के सभी लोग भी बचेंगे।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में इस तरह की संवेदनहीनता को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शिवजी राव मोघे ने जोर देकर कहा कि आदिवासी भारत के सबसे पुराने निवासी हैं और वे किसी भी दृष्टिकोण से वनवासी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के निरंकुश शासन में लोगों के बीच असमानता और उन पर होने वाला अत्याचार बढ़ा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति देश को विखंडित करने वाली है।
इस रैली में अपने संबोधन में काँग्रेस प्रदेशअध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड सरकार में उनकी भी सहभागिता है और सरकार का एकमात्र उद्देश्य सभी के प्रति समानता का व्यवहार करते हुए झारखण्ड के सभी लोगों का विकास है लेकिन लातेहार की घटना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सरकार पर भी एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा रही है। राजेश ठाकुर ने विश्वास व्यक्त किया कि इस मामले में शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
इस रैली में अनुपस्थित काँग्रेस के झारखण्ड प्रभारी अविनाश पाण्डेय द्वारा भेजे गए संदेश को पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने पढ़कर सुनाया। उन्हें अपने द्वारा भेजे गए संदेश में अविनाश पांडेय ने कहा कि सादगी, सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी के सच्चे अनुयायी के रुप में टाना भगतों की पूरी दुनिया में पहचान है साथ ही उनकी जीवन पद्धति के विषय में पूरी दुनिया को पता है। ऐसे मामले को राज्य सरकार द्वारा संवेदनशीलता के साथ देखना चाहिए। अविनाश पांडेय ने भरोसा जताया कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन व्यक्तिगत रुप से इस मामले को संज्ञान में लेकर अविलंब कार्रवाई करेंगे और जेल में बंद टाना भगतों को रिहा किया जाएगा। इस रैली में अपने संबोधन में झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य और झारखंड प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि 10 अक्टूबर 2022 को लातेहार समाहरणालय परिसर में टाना भगतों के शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा बर्बर तरीके से किए गए लाठीचार्ज में महिलाओं और बुजुर्गों सहित अनेक लोगों को गंभीर चोटे आयी। इसके बाद 500 लोगों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया जो पूरी तरीके से असंगत है। बंधु तिर्की ने कहा कि इस मामले में 200 टाना भगतों को नामजद किया गया है जबकि 38 टाना भगतों को झारखण्ड के विभिन्न जेलों में डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि टाना भगतों पर की गई कार्रवाई पूरी तरीके से अन्यायपूर्ण है और ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण करवाई उन टाना भगतों के विरुद्ध की गयी है जिनका देश के स्वतंत्रता संग्राम, विशेष रूप से असहयोग आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान है। बंधु तिर्की ने कहा कि जिन आदिवासियों के लिए झारखंड का गठन किया गया था, उन्हीं के अधिकारों को कुचला जाना गंभीर चिंता की बात है।
इस रैली में अपने संबोधन में काँग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि यदि टाना भगतों को न्याय नहीं मिलेगा तो लोगों का न्याय और न्यायालय से भरोसा उठ जाएगा।
वहीं रैली में बोलते हुए पूर्व काँग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकारों को कुचला जाना गंभीर चिंता की बात है और इस घटना को गुजरने के 8 महीने के बाद भी तिल का ताड़ बना यह मामला उसी स्थिति में बरकरार है जिस हाल में 10 अक्टूबर 2022 को था।
इस रैली में अपने संबोधन में मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि 38 निर्दोष टाना भगतों को 8 महीने से झारखण्ड के विभिन्न जेलों में बंद रखने के बाद भी यदि आज शांतिपूर्ण आंदोलन जारी है तो उसके लिए टाना भगतों की प्रशंसा करनी होगी। शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि यदि जेल में बन्द टाना भगतों को अविलंब रिहा नहीं किया गया और उन पर गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो अगले 2 अक्टूबर से आंदोलन तेज किया जाएगा। लेकिन शिल्पी नेहा तिर्की ने विश्वास व्यक्त किया कि झारखंड सरकार विशेष रुप से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन इस मामले में शीघ्र ही सकारात्मक फैसला लेंगे।
इस दौरान अपने संबोधन में झारखण्ड काँग्रेस के कार्यालय प्रभारी अमूल्य नीरज खलखो ने कहा कि जनजातीय आबादी पर अन्याय और शोषण का सिलसिला अब बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टाना भगतों पर जिस प्रकार से असंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया उस पर किसी को भी पहली नजर में विश्वास नहीं होगा क्योंकि उनकी सत्य, अहिंसा और शांतिपूर्ण तरीके से जल, जंगल और जमीन की रक्षा करने के सिद्धांतों के मामले में पूरी दुनिया को अच्छी तरीके से पता है और इस पर किसी को भी यकीन नहीं होगा।
झारखण्ड प्रदेश टाना भगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक निर्माण समिति द्वारा आयोजित इस सत्याग्रह रैली में अपने संबोधन में टाना भगत के.डी. गुरु ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व और स्वाभिमान है कि वे महात्मा गाँधी के सच्चे अनुयायी हैं और अपने सत्य, अहिंसा और सादगी के मार्ग से वे सभी कभी भी अडिग नहीं होंगे परंतु जिस प्रकार से 38 टाना भगतों को 8 महीने से भी ज्यादा समय से जेल में बंद कर रखा गया है और उन पर मुकदमा किया गया है या किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। के.डी. गुरु ने कहा कि इस मामले में टाना भगतों का आंदोलन पूरी तरीके से जारी रहेगा और यदि अविलंब इस मामले पर फैसला नहीं किया गया तो अगले 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी की जयंती से टाना भगतों के आंदोलन को तेज किया जाएगा।
इस सत्याग्रह रैली में टाना भगतों ने लातेहार में कोयले के अवैध खनन पर रोक लगाने, लातेहार में कोयले के अवैध के अवैध खनन के कारण टाना भगतों के विस्थापन पर रोक, झारखण्ड में जल जंगल और ज़मीन की रक्षा, टाना भगत विकास प्राधिकरण को वित्तीय वर्ष 2017-18 में आवंटित की गयी राशि को टाना भगतों के विकास में व्यय करने, झारखण्ड के डकरा के एन.के. एरिया में बंद पड़े टाना भगत औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र को अविलंब चालू करने, टाना भगतों को पारिवारिक पेंशन प्रदान करने, टाना भगतों को जीवन-यापन के लिए शत – प्रतिशत अनुदान के आधार पर सवारी गाड़ी प्रदान करने और टाना भगतों को प्रति परिवार 5 एकड़ भूमि दान में देने के साथ ही टाना भगतों को महात्मा गाँधी के साबरमती आश्रम और उनके जन्म स्थल पोरबंदर की यात्रा सरकारी खर्च पर करवाने जिससे वे महात्मा गाँधी के जीवन दर्शन से और भी ज्यादा प्रेरित हो सकें. ये सभी माँगे बहुत ही उचित है। विभिन्न वक्ताओं ने टाना भगतों की अन्य माँगों के प्रति भी अपनी एकजुटता दिखाई और बताया कि सभी माँगे उचित है और उसे पूरा किया जाना चाहिए।
इस रैली को जतरा टाना भगत के वंशज बिशवा टाना भगत, मंत्री टाना भगत, लातेहार उपस्थित टाना भगत आंदोलन के अध्यक्ष परमेश्वर टाना भगत, चतरा के बीगल टाना भगत, भुवल टाना भगत, मंगरा टाना भगत, खूँटी के धुंधी टाना भगत, गोबरा टाना भगत, एतवा टाना भगत, शुका टाना भगत आदि ने भी संबोधित किया.