रिपोर्ट : प्रशांत अम्बष्ठ
गोमिया (ख़बर आजतक): तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड का विलय राज्य में किया जाना है. इस संबध में सरकार ने साल 2021 में आदेश जारी किया था. इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में है. जबकि तेनुघाट पावर प्लांट की बदतर स्थिति से निबटने के लिये समय समय पर जानकारों ने इसके विलय और मेंटनेंस की सलाह दी है. सूत्रों की मानें तो इस संबध में मुख्यमंत्री स्तर पर कारवाई की जा रही है. जहां पावर प्लांट का राज्य में विलय या इसके निजीकरण पर विचार विमर्श किया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो सरकार पावर प्लांट की स्थिति और भविष्य में इससे उत्पादित बिजली को लेकर विचार विमर्श कर रही है. ऐसे में विलय के साथ ही निजीकरण या फिर स्वायत कंपनी के रूप भी रखने पर विचार किया जा रहा है. तेनुघाट विद्युत निगम के मजदूर यूनियन की ओर से पावर प्लांट के विलय की मांग की जा रही है. जिससे प्लांट में रोजगार सृजन के साथ राज्य को बिजली मिलती रहे. बता दें साल 2021 से राज्य सरकार इसके लिये प्रयासरत है. जहां झारखंड उर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड और तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड से सरकार ने इस संबध में रिपोर्ट मांगी थी. ऐसे में दो साल बीत जाने के बाद भी मामले में कोई पहल नहीं की गयी है. मुख्यालय ललपनिया स्थानांतरित हो जायेगा: राज्य सरकार की ओर से साल 2021 में निकाले पत्र के अनुसार तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) का झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड में विलय होगा. विलय होने की स्थिति में टीवीएनएल का मुख्यालय रांची से बोकारो के ललपनिया स्थानांतरित हो जायेगा. इस पत्र के पहले उर्जा सचिव अविनाश कुमार ने टीवीएनएल का दौरा किया था. साथ ही अधिकारियों के साथ वार्ता भी की थी.
सरयू राय ने किया था दौरा: पिछले दिनों विधायक सरयू राय ने टीवीएनएल का दौरा किया था. जहां अधिकारियों से इसके मंेटनेंस और खर्च पर चर्चा की गयी थी. बेैठक के बाद सरयू राय ने प्लांट की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि सरकार को प्लांट की स्थिति पर ध्यान देना चाहिये. बार बार प्लांट में खराबी की बात सामने आती है. ऐसे में बिजली उत्पादन और आपूर्ति प्रभावित होती है.
क्या कहा एमडी ने: इस संबध में टीवीएनएल के एमडी अनिल शर्मा ने कहा कि उन्हें विलय की जानकारी नहीं है. शायद विलय संबधी पत्र सरकार की ओर से उनके कार्यकाल के पहले आया हो. प्रबंधन से बात करने पर ही वो कुछ बता सकते है.