बोकारो (ख़बर आजतक) : शनिवार को डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-6 में जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय की प्रधानाचार्या अनुराधा सिंह व आगंतुक अथितियों ने किया।इस जन्माष्टमी महोत्सव में बच्चों ने कृष्ण के भिन्न-भिन्न बाल रूपों को दिखाया । यह एक वार्षिक त्यौहार है जो विष्णु जी के दशावतारों में से 8वें और 24वें अवतारों में से 22वें अवतार है ।
श्री कृष्ण के जन्म के आनंदोत्सव में मनाया जाता है । विद्यालय में अत्यंत धूमधाम से गीत व संगीत के साथ जन्माष्टमी महोत्सव मनाया गया । यह पर्व भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रत्येक साल विशेष धूमधाम से मनाया जाता है । भगवान श्री कृष्ण विष्णु जी के अवतार हैं । जो तीनों लोकों के तीनों गुणों सतों गुण, रजोगुण एवं तमोगुणों में से सतोगुण विभाग के प्रभारी हैं। इस जन्माष्टमी अवसर पर विद्यालय की नर्सरी से दूसरी कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों ने कृष्ण के बाल रूप व राधा के विभिन्न रूपों को दिखाया । बच्चों की मां ने भी यशोदा और देवकी के रूप में वात्सल्य पूर्ण नृत्य की प्रस्तुति दी । सभी विद्यार्थियों ने आगंतुक अतिथियों का मन मोह लिया ।
भगवत गीता का उपदेश सार्वभौमिक एवं सर्वकालिक है। गीता के श्लोक का श्रवण, मनन व पठन से व्यक्ति का जीवन पवित्र हो जाता है । गीता के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के विराट रूप का पता चलता है । विद्यालय के नन्हे मुन्ने बच्चों ने आकर्षक गणवेशों से सुसज्जित होकर कृष्ण और राधा की छवि ने सभी को अपनी ओर आकृष्ट किया। भगवान श्री कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, आदर्श दार्शनिक एवं दैवी गुणों से संपन्न सुसज्जित महापुरुष थे । वे द्वारिकाधीश भी थे । परंतु वे एक कृष्णावतार थे । भगवान कृष्ण के बाल रूप की छवि हमें काफी आनंदित लगती है । बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति से सभी आगंतुक अतिथियों का मन मोह लिया । कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अनुराधा सिंह ने उत्तम चरित्र व कुशल इंसान बनने के लिए छात्र छात्राओं को प्रेरित किया । इस जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर कक्षा छह से आठवी तक के लिए मटका डेकोरेशन निमार्ण प्रतियोगिता आयोजित किया गया । जिसमें हंस राज सदन ने प्रथम स्थान, श्रद्धानंद सदन ने द्वितीय स्थान तथा विवेकानन्द सदन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । इस कार्यक्रम को संपन्न कराने में विद्यालय की शिक्षिका भावना घले, आराधना, सोनिया, रूबी कुमारी व झूमा चक्रवर्ती का पूर्ण सहयोग रहा ।